यूपी: अब मेरठ की मवाना पुलिस पर घर में घुसकर तोड़फोड़ का आरोप
उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थानीय पुलिस की बर्बरता का एक मामला सामने आया है। यहां मवाना इलाक़े में पुलिस ने एक शख्स पर अवैध जानवरों की हत्या का आरोप लगाकर उनके घर में तोड़फोड़ की है। परिवार वालों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारी जानवरों की हत्या के शक़ में मोहम्मद उमर की खोज में उनके घर पहुंची थी। उमर के घर पर नहीं होने पर पुलिस ने तोड़फोड़ मचाना शुरू कर दिया।
परिवारवालों के मुताबिक़ करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी मोहम्मद उमर की तलाश में आए थे। उमर घर पर नहीं मिला तो पुलिस ने घर के सामानों को तोड़ना शुरू कर दिया। उमर के परिवार वालों ने यह भी कहा कि इस कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मी नशे की हालत में थे। उन्होंने गाली दी और घर में मौजूद लोगों के साथ-साथ लड़कियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया।
वहीं मवाना पुलिस स्टेशन के एसएचओ सतीश कुमार ने परिवार के आरोपों से इंकार किया है। एसएचओ सतीश कुमार का कहना है, ‘मामले में कोई विशेष नाम नहीं है। हमने अवैध पशुओं की हत्या मामले में संदिग्धों के घर पर छापे मारे थे। गौहत्या का कोई मामला नहीं था।’ वीडियो देखिए मिरर नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक़ मवाना पुलिस थाने के एक अधिकारी का कहना है, ‘दुकानदारों के पास मांस बेचने का लाइसेंस ज़रूर है लेकिन जानवरों को मारने के लिए लाइसेंस नहीं है। कुछ लोग अवैध रूप से जानवरों का मांस बेचने के लिए जानवरों की हत्या कर रहे हैं। बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में गौहत्या के लिए अध्यादेश लाकर गौहत्या क़ानून को और भी सख्त कर दिए हैं। नए क़ानून के तहत गौहत्या करने वालों को दस साल तक की सज़ा का प्रावधान है। जबकि ये क़ानून सिर्फ गौहत्या मामले पर ही लागू होता है। इसके अलावा अन्य जानवरों जैसे भैंस के मांस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में भैंस काटने पर कोई मनाही नहीं है।
वहीं मवाना पुलिस स्टेशन के एसएचओ सतीश कुमार ने परिवार के आरोपों से इंकार किया है। एसएचओ सतीश कुमार का कहना है, ‘मामले में कोई विशेष नाम नहीं है। हमने अवैध पशुओं की हत्या मामले में संदिग्धों के घर पर छापे मारे थे। गौहत्या का कोई मामला नहीं था।’ वीडियो देखिए मिरर नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक़ मवाना पुलिस थाने के एक अधिकारी का कहना है, ‘दुकानदारों के पास मांस बेचने का लाइसेंस ज़रूर है लेकिन जानवरों को मारने के लिए लाइसेंस नहीं है। कुछ लोग अवैध रूप से जानवरों का मांस बेचने के लिए जानवरों की हत्या कर रहे हैं। बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में गौहत्या के लिए अध्यादेश लाकर गौहत्या क़ानून को और भी सख्त कर दिए हैं। नए क़ानून के तहत गौहत्या करने वालों को दस साल तक की सज़ा का प्रावधान है। जबकि ये क़ानून सिर्फ गौहत्या मामले पर ही लागू होता है। इसके अलावा अन्य जानवरों जैसे भैंस के मांस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में भैंस काटने पर कोई मनाही नहीं है।
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