मोदी सरकार ने नई स्मार्ट सिटी के ऐलान पर लगाया ब्रेक
2014 के चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 नई स्मार्ट सिटीज़ बनाने का वादा किया था. पिछले पांच सालों में तक़रीबन 18, 614 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटीज़ मिशन पर ख़र्च हो चुके हैं और चुने गए शहरों को स्मार्ट बनाने का अभियान जारी है.
इस बीच टीआरएस सांसद पसुनूरी दयाकर ने शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से पूछा कि क्या स्मार्ट सिटीज़ मिशन के सेकेंड फेज़ की भी तैयारी चल रही है? तो मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है. इसका सीधा मतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 100 नई स्मार्ट सिटीज़ बनाने का वादा किया था और फिलहाल उनपर ही काम चलता रहेगा. इसका दायरा फिलहाल बढ़ाया नहीं जाएगा.
आंकड़ों के मुताबिक 100 स्मार्ट सिटीज़ बनाने के लिए 5151 प्रोजेक्ट्स पर तक़रीबन दो लाख करोड़ रुपए ख़र्च किए जाने हैं. इसमें से 98 हज़ार करोड़ केंद्र सरकार देगी और बाक़ी की रक़म राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों से जुटाए जाएंगे. केंद्र सरकार चुने गए 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए सिर्फ 500-500 करोड़ देगी. केंद्र सरकार ने हाल ही में ज़ोरशोर से बताया था कि भारत जी20 के ग्लोबल स्मार्ट सिटीज़ अलायंस का हिस्सा बन गया है. इसपर बीजेपी के ही सांसद खगेन मुर्मू ने हरदीप सिंह पुरी से पूछा कि क्या G20 ग्लोबल स्मार्ट सिटीज अलायन्स से भारत को कोई आर्थिक मदद मिली है? इसके जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है.
आंकड़ों के मुताबिक 100 स्मार्ट सिटीज़ बनाने के लिए 5151 प्रोजेक्ट्स पर तक़रीबन दो लाख करोड़ रुपए ख़र्च किए जाने हैं. इसमें से 98 हज़ार करोड़ केंद्र सरकार देगी और बाक़ी की रक़म राज्य सरकारें और स्थानीय निकायों से जुटाए जाएंगे. केंद्र सरकार चुने गए 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए सिर्फ 500-500 करोड़ देगी. केंद्र सरकार ने हाल ही में ज़ोरशोर से बताया था कि भारत जी20 के ग्लोबल स्मार्ट सिटीज़ अलायंस का हिस्सा बन गया है. इसपर बीजेपी के ही सांसद खगेन मुर्मू ने हरदीप सिंह पुरी से पूछा कि क्या G20 ग्लोबल स्मार्ट सिटीज अलायन्स से भारत को कोई आर्थिक मदद मिली है? इसके जवाब में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत को कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है.
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