मुरादाबाद के पीतल कारोबारियों का विरोध, प्रदूषण के नाम पर बंद करवा दिया गया है काम
मुरादाबाद में पीतल कारोबारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। प्रदूषण के नाम पर कारोबार बंद करवाए जा रहे हैं। जिससे छोटे और बड़े कारोबारियों में आक्रोश है। करीब एक लाख कारोबारियों ने कलेक्टर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया।
देश-दुनिया में पीतल के कारोबार के लिए मशहूर मुरादाबाद के कारोबारियों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। प्रदूषण के नाम पर सरकार ने भट्टियां बंद करवाने का फैसला सुना दिया। जिससे कारोबारियों में आक्रोश है और उन्होंने कलेक्ट्रेट के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
डीएम राकेश कुमार का कहना है कि बीते एक महीने से मुरादाबाद में एक्यूआई बेहद खराब कैटेगरी में है। छोटी इकाईयों में काम करने वाले उघोग के लोगों को चिंता थी कि अगर उनके कारोबार को बंद किया जाता है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट आ जाएगा। पीतल के कारोबार से तीन लाख लोग जुड़े हैं. जिससे 35 हजार करोड़ का सालाना कारोबार यहां से होता है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमें प्रदूषण के नाम पर बर्बाद किया जा रहा है। इससे पहले भी यहां भट्टियां थी लोग काम करते थे लेकिन किसी तरह की दिक्कत किसी को नहीं थी।
डीएम राकेश कुमार का कहना है कि बीते एक महीने से मुरादाबाद में एक्यूआई बेहद खराब कैटेगरी में है। छोटी इकाईयों में काम करने वाले उघोग के लोगों को चिंता थी कि अगर उनके कारोबार को बंद किया जाता है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट आ जाएगा। पीतल के कारोबार से तीन लाख लोग जुड़े हैं. जिससे 35 हजार करोड़ का सालाना कारोबार यहां से होता है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमें प्रदूषण के नाम पर बर्बाद किया जा रहा है। इससे पहले भी यहां भट्टियां थी लोग काम करते थे लेकिन किसी तरह की दिक्कत किसी को नहीं थी।
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