एमपी: राज्य सभा चुनाव से पहले सपा, बसपा और निर्दलीय एमएलए बीजेपी के पाले में गए
19 जून को होने वाले राज्य सभा चुनाव से पहले राज्यों में विधायकों का पाला बदलने का खेल जारी है. अब मध्यप्रदेश में सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक बीजेपी के पाले में चले गए हैं और सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ एक फोटो भी जारी की है.
बुधवार को एमपी बीजेपी के दफ्तर में 106 विधायकों के साथ बीएसपी के दो विधायक संजीव कुशवाहा और राम बाई, दो निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम राणा और समाजवादी पार्टी के एक विधायक राजेश शुक्ला भी पहुंचे. इनमें से अधिकांश विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया था लेकिन अब शिवराज सिंह चौहान के साथ जा खड़े हुए हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 87 विधायक पहुंचे लेकिन पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का दावा है कि उनके पास 92 विधायक साथ हैं। कुल चार निर्दलीय विधायकों में से एक केदार डाबर बुधवार दोपहर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए और उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की बात कही थी। दूसरे विधायक और कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल न भाजपा के डिनर में शामिल हुए, न ही कांग्रेस की बैठक में पहुंचे. हालांकि सरकार गिरने के बाद उन्होंने बयान दिया था कि राज्य में जिसकी सरकार बनेगी, वह उसे समर्थन देंगे। वीडियो देखिए ताज़ा समीकरण के हिसाब से भाजपा की दो सीट पक्की हैं और कांग्रेस एक सीट पर मजबूत है। दो सीटों पर भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह व फूल सिंह बरैया को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी के पास 107 विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के समर्थन के बाद कुल संख्या 112 हो गई है जबकि कांग्रेस पार्टी के 92 विधायक हैं और एक निर्दलीय के समर्थन से कुल संख्या 93 हो गई है. मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को एक सीट जीतने के लिए 54 वोटों की ज़रूरत है.
दूसरी ओर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 87 विधायक पहुंचे लेकिन पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का दावा है कि उनके पास 92 विधायक साथ हैं। कुल चार निर्दलीय विधायकों में से एक केदार डाबर बुधवार दोपहर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए और उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की बात कही थी। दूसरे विधायक और कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल न भाजपा के डिनर में शामिल हुए, न ही कांग्रेस की बैठक में पहुंचे. हालांकि सरकार गिरने के बाद उन्होंने बयान दिया था कि राज्य में जिसकी सरकार बनेगी, वह उसे समर्थन देंगे। वीडियो देखिए ताज़ा समीकरण के हिसाब से भाजपा की दो सीट पक्की हैं और कांग्रेस एक सीट पर मजबूत है। दो सीटों पर भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेर सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह व फूल सिंह बरैया को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी के पास 107 विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के समर्थन के बाद कुल संख्या 112 हो गई है जबकि कांग्रेस पार्टी के 92 विधायक हैं और एक निर्दलीय के समर्थन से कुल संख्या 93 हो गई है. मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को एक सीट जीतने के लिए 54 वोटों की ज़रूरत है.
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