नेपाल ने बिहार में गंडक नदी पर डैम की मरम्मत का काम रोका, विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार
भारत-नेपाल के बीच सदियों से जारी दोस्ताना रिश्ते में पड़ी हालिया दरार हर दिन गहरी होती जा रही है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से लगी सीमा पर नए-नए विवाद पैदा हो रहे हैं.
दोनों देशों के बीच लिपुलेख में सड़क निर्माण को लेकर इस क़दर तनातनी हो चुकी है कि हाल ही में नेपाल सरकार ने क़ानून बनाकर लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा घोषित कर दिया. अब इन इलाक़ों में नेपाली सीमा के पास बसे भारत के गांववालों का कहना है कि नेपाली रेडियो पर भारत के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया जा रहा है और तीनों इलाक़ों को वापस किए जाने की मांग हो रही है.
दूसरा विवाद बिहार में चल रहा है जहां बाढ़ की आशंका को टालने के लिए लाल बकैया नदी पर गंडक डैम की मरम्मत का काम नेपाल ने रुकवा दिया है. यह निर्माण दोनों देशों के बीच पड़ने वाले नो मैंन्स लैंड पर हो रहा था. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा, ‘इस तरह की समस्या पहली बार आ रही है और नेपाल ने कही इलाक़ों में काम रुकवा दिया है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर डैम की मरम्मत नहीं हुई और भारी बारिश के चलते गंडक नदी का जल स्तर बढ़ गया तो बिहार में बड़ी परेशानी हो जाएगी.’ साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर मदद की मांग करेंगे. इस विवाद से पहले 12 जून को बिहार के सीतामढ़ी में नेपाली प्रहरियों की फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत हुई थी. यह मामला थम चुका है लेकिन दोनों देशों की सीमा पर तनाव बरक़रार है. भारत से लगने वाली 1800 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई जगह नेपाली प्रहरियों की नई तैनाती हुई है और सैन्य चौकियां बनाई जा रही हैं. सीमा विवाद से इतर दोनों देशों के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है जो पहली बार ख़तरे में है. नेपाल सरकार ने नागरिकता क़ानून में संशोधन का ऐलान करने के साथ अपने इरादे साफ़ कर दिए हैं. नए संशोधन के मुताबिक अब नेपाली पुरुष के शादी करने पर विदेशी महिलाओं को फौरन नागरिकता नहीं मिलेगी. इसके लिए उन्हें सात साल का इंतज़ार करना होगा. यह क़ानून भारतीय महिलाओं पर भी लागू होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के नागरिकता क़ानून में बदलाव देनों देशों के बीच सांस्कृति रिश्ते को कमज़ोर करने वाला बड़ा झटका है. तराई इलाक़े में रहने वाले हज़ारों परिवार इस क़ानून के चलते प्रभावित होंगे.
दूसरा विवाद बिहार में चल रहा है जहां बाढ़ की आशंका को टालने के लिए लाल बकैया नदी पर गंडक डैम की मरम्मत का काम नेपाल ने रुकवा दिया है. यह निर्माण दोनों देशों के बीच पड़ने वाले नो मैंन्स लैंड पर हो रहा था. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा, ‘इस तरह की समस्या पहली बार आ रही है और नेपाल ने कही इलाक़ों में काम रुकवा दिया है.’ उन्होंने यह भी कहा कि अगर डैम की मरम्मत नहीं हुई और भारी बारिश के चलते गंडक नदी का जल स्तर बढ़ गया तो बिहार में बड़ी परेशानी हो जाएगी.’ साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर मदद की मांग करेंगे. इस विवाद से पहले 12 जून को बिहार के सीतामढ़ी में नेपाली प्रहरियों की फायरिंग में एक भारतीय नागरिक की मौत हुई थी. यह मामला थम चुका है लेकिन दोनों देशों की सीमा पर तनाव बरक़रार है. भारत से लगने वाली 1800 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई जगह नेपाली प्रहरियों की नई तैनाती हुई है और सैन्य चौकियां बनाई जा रही हैं. सीमा विवाद से इतर दोनों देशों के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है जो पहली बार ख़तरे में है. नेपाल सरकार ने नागरिकता क़ानून में संशोधन का ऐलान करने के साथ अपने इरादे साफ़ कर दिए हैं. नए संशोधन के मुताबिक अब नेपाली पुरुष के शादी करने पर विदेशी महिलाओं को फौरन नागरिकता नहीं मिलेगी. इसके लिए उन्हें सात साल का इंतज़ार करना होगा. यह क़ानून भारतीय महिलाओं पर भी लागू होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के नागरिकता क़ानून में बदलाव देनों देशों के बीच सांस्कृति रिश्ते को कमज़ोर करने वाला बड़ा झटका है. तराई इलाक़े में रहने वाले हज़ारों परिवार इस क़ानून के चलते प्रभावित होंगे.
Latest Videos