पाकिस्तान में टीवी मीडिया के लिये नियम लागू, न्यूज़ एंकर के अपनी राय देने पर लगाई गई रोक
पाकिस्तानी टीवी चैनल्स एंकर्स की बोली पर लगाम लगाने के लिए PEMRA यानि पाकिस्तानी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने रविवार को रोजाना शो करने वाले एंकर्स को निर्देश जारी किये है. जिसमें लिखा है कि वो अपने या किसी दूसरे के शो में विशेषज्ञ की तरह पेश ना आए.
आदेश में कहा गया है कि नियमों के तहत एंकर्स की भूमिका शो में उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से एक मध्यस्थ की होती है.ना कि अपनी निजी राय या फैसला देने की और किसी का भी पक्ष लेने से बचना चाहिए रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि कोई भी एंकर शो में विशेषज्ञ ना बने.
साथ ही मीडिया समूहों को ये भी निर्देश दिया गया है कि टॉक शोज में विशेषज्ञ बुलाने से पहले संबंधित विषय में उनकी विशेषज्ञता और व्यापक ज्ञान को जरूर ध्यान में रखें. यह आदेश सभी सैटलाइट टीवी चैनलों को जारी किया गया है. दरअसल, 26 अक्टूबर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि उनके संज्ञान में आया है कि कई टीवी टॉक शोज में ऐंकर्स आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए फैसलों के साथ-साथ न्यायपालिका की भी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. कोर्ट ने नियामक से ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है. वीडियो देखिये कोर्ट ने नियामक से ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है. PEMRA ने कहा है कि कोर्ट के संज्ञान में आया है कि कुछ ऐंकर्स/पत्रकारों ने 25 अक्टूबर को कुछ चैनलों पर नवाज शरीफ को बेल मिलने को लेकर कथित डील होने पर चर्चा की थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद PEMRA ने सफाई दी है कि नो एंकर्स के बोलने पर पाबंदी नहीं लगा रहे हैं.
साथ ही मीडिया समूहों को ये भी निर्देश दिया गया है कि टॉक शोज में विशेषज्ञ बुलाने से पहले संबंधित विषय में उनकी विशेषज्ञता और व्यापक ज्ञान को जरूर ध्यान में रखें. यह आदेश सभी सैटलाइट टीवी चैनलों को जारी किया गया है. दरअसल, 26 अक्टूबर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि उनके संज्ञान में आया है कि कई टीवी टॉक शोज में ऐंकर्स आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए फैसलों के साथ-साथ न्यायपालिका की भी छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. कोर्ट ने नियामक से ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है. वीडियो देखिये कोर्ट ने नियामक से ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है. PEMRA ने कहा है कि कोर्ट के संज्ञान में आया है कि कुछ ऐंकर्स/पत्रकारों ने 25 अक्टूबर को कुछ चैनलों पर नवाज शरीफ को बेल मिलने को लेकर कथित डील होने पर चर्चा की थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद PEMRA ने सफाई दी है कि नो एंकर्स के बोलने पर पाबंदी नहीं लगा रहे हैं.
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