टैक्स स्लैब में बदलाव से ख़ास फायदा नहीं, महीने का बचेगा सिर्फ दो हज़ार

by M. Nuruddin 4 years ago Views 1762

No special benefit due to change in tax slab, only
अपने दूसरे बजट में निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया है जिससे आम करदाता को राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, नई टैक्स प्रणाली वैकल्पिक है और इसका आप तभी फ़ायदा उठा सकते है जब आप किसी भी प्रकार की टैक्स छूट स्कीम्स का फ़ायदा नहीं उठा रहे है।

मोदी सरकार ने आय पर लगने वाले डायरेक्ट टैक्स के स्लैब में बदलाव किया है। आम करदाता को उम्मीद है कि इस फैसले से उनके जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे। सरकार ने भी दावा किया है कि केन्द्र सरकार को इस बदलाव से 40 हज़ार करोड़ रूपये तक के राजस्व का नुकसान होगा।


आंकड़ों के मुताबिक साल 2018-19 के बीच में 5 लाख से साढ़े पांच लाख तक की आमदनी वाले 30,56,165 लोगों ने रिटर्न जमा कराया जिससे सरकार की 1,59,874 करोड़ रूपये की कमाई हुई। इसी तरह साढ़े पांच लाख से साढ़े नौ लाख तक की आमदनी वाले 13,85,025 लोगों ने रिटर्न फाइल किया, जिससे 803,439 करोड़ रूपये सरकारी ख़ज़ाने में जमा हुए। साढ़े नौ लाख से दस लाख तक की आमदनी वाले 6,18,506 लोगों से 60,275 करोड़ रूपये और दस से 15 लाख तक की आमदनी वाले 31,07,334 लोगों से 3,71,710 करोड़ रूपये टैक्स के तौर पर सरकार के खाते में जमा हुए।

आसान भाषा में कहें तो पांच से 15 लाख तक की स्लैब में शामिल 1.81 करोड़ करदाताओं ने सरकार को 13,95,298 करोड़ रूपये इनकम टैक्स के तौर पर दिये। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक इस बड़े बदलाव से केन्द्र सरकार को 40 हज़ार करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। हालांकि, सरकार का ये दावा टैक्स एक्सपर्ट्स के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। कारण है दो टैक्स प्रणाली का होना और इस नई व्यवस्था का वैकल्पिक होना।

अगर सरकार की मानें तो इस बदलाव के बाद पांच लाख से 15 लाख सालाना कमाने वालों को औसतन 22,099 रूपये का सालाना फायदा होगा। यानि दो हज़ार रूपये से भी कम। विपक्षी नेताओं के मुताबिक जहां एक हाथ से सरकार टैक्स में छूट दे रही है, वहीं दूसरे हाथ से सभी छूट को ख़त्म कर रही है।

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बतां दें कि, शनिवार को पेश हुए बजट के मुताबिक अब 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय पर को 10 फीसदी, 7.5 लाख से दस लाख की आय पर 15 फीसदी, दस लाख से 12.5 लाख की आय पर 20 फीसदी और 12.5 से 15 लाख तक की आय पर 25 फीसदी और जिसकी आमदनी 15 लाख से अधिक है उन्हें 25 फीसदी आय कर के तौर पर सरकार को देना होगा।

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