उत्तर-पूर्वी दिल्ली: तीसरे दिन भी हिंसा जारी, मज़दूरों का पलायन शुरू
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में तीसरे दिन भी हिंसा और तनाव का माहौल बरक़रार है जबां पत्थरबाज़ी, आगज़नी और लूटपाट के नए मामले सामने आए हैं. क़ानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल और पुलिस कमिश्नल अमूल्य पटनायक ने बैठक भी की लेकिन ज़मीनी हालात ठीक नहीं हैं.
देश की राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी ज़िला तीसरे दिन भी हिंसा की चपेट में रहा. तीसरे दिन भी दंगाइयों ने लूटपाट की, दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. भजनपुरा चौक के पास दो गुटों के बीच पत्थरबाज़ी हुई और आसपास के इलाक़ों से देर तक धुआं उठता रहा. इन वारदातों से साफ है कि दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल दंगाइयों को रोकपाने में नाकाम हैं. इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित इलाक़ों के विधायकों के साथ एक अर्जेंट मीटिंग की. उन्हें बताया गया कि पुलिस को दंगाइयों पर कार्रवाई के लिए ऊपर से आदेश नहीं मिल रहे.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक हाईलेवल मीटिंग की है. इसमें सीएम केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी शामिल हुए. भड़काऊ बयानों, पुलिस-विधायकों के बीच तालमेल और प्रभावित इलाक़ों में सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती जैसे मुद्दे इस मीटिंग में उठाए गए जिनपर अमल होना अभी बाक़ी है. उत्तर पूर्वी ज़िले में बड़े पैमाने पर छोटे-छोटे कारख़ाने और उद्योग चलते हैं. यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के हज़ारों नौजवान यहां कारख़ानों में मज़दूरी करते हैं लेकिन हिंसा नहीं थमने पर अब अपने घरों को लौटने लगे हैं. उत्तर पूर्वी ज़िले की कुल आबादी 22 लाख है. यहां 15 लाख बहुसंख्यक और 7 लाख अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं. ज़्यादातर गलियों, मुहल्लों की आबादी मिली जुली है और हिंसा का ऐसा रूप पहले देखने को नहीं मिला है. मगर तीन दिन से जारी हिंसा के चलते यमुना विहार, ब्रह्मपुरी, ज़ाफ़राबाद, मौजपुर, बाबरपुर, करावल नगर, गोकुलपुरी, भजनपुरा, बृज पुरी, खजूरी समेत कई इलाक़ों में तनाव का माहौल बना हुआ है.
देश की राजधानी दिल्ली का उत्तर पूर्वी ज़िला तीसरे दिन भी हिंसा की चपेट में रहा. तीसरे दिन भी दंगाइयों ने लूटपाट की, दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. भजनपुरा चौक के पास दो गुटों के बीच पत्थरबाज़ी हुई और आसपास के इलाक़ों से देर तक धुआं उठता रहा. इन वारदातों से साफ है कि दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल दंगाइयों को रोकपाने में नाकाम हैं. इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित इलाक़ों के विधायकों के साथ एक अर्जेंट मीटिंग की. उन्हें बताया गया कि पुलिस को दंगाइयों पर कार्रवाई के लिए ऊपर से आदेश नहीं मिल रहे.
गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक हाईलेवल मीटिंग की है. इसमें सीएम केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक भी शामिल हुए. भड़काऊ बयानों, पुलिस-विधायकों के बीच तालमेल और प्रभावित इलाक़ों में सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती जैसे मुद्दे इस मीटिंग में उठाए गए जिनपर अमल होना अभी बाक़ी है. उत्तर पूर्वी ज़िले में बड़े पैमाने पर छोटे-छोटे कारख़ाने और उद्योग चलते हैं. यूपी, बिहार समेत कई राज्यों के हज़ारों नौजवान यहां कारख़ानों में मज़दूरी करते हैं लेकिन हिंसा नहीं थमने पर अब अपने घरों को लौटने लगे हैं. उत्तर पूर्वी ज़िले की कुल आबादी 22 लाख है. यहां 15 लाख बहुसंख्यक और 7 लाख अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं. ज़्यादातर गलियों, मुहल्लों की आबादी मिली जुली है और हिंसा का ऐसा रूप पहले देखने को नहीं मिला है. मगर तीन दिन से जारी हिंसा के चलते यमुना विहार, ब्रह्मपुरी, ज़ाफ़राबाद, मौजपुर, बाबरपुर, करावल नगर, गोकुलपुरी, भजनपुरा, बृज पुरी, खजूरी समेत कई इलाक़ों में तनाव का माहौल बना हुआ है.
Latest Videos