किम की सेना ने चार मंज़िला दफ़्तर उड़ाया, कोरियाई प्रायद्वीप में फिर तनाव
साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया के बीच 1953 के बाद से कोई जंग नहीं हुई लेकिन दोनों देशों के बीच अभी तक शांति समझौता भी नहीं हो पाया. ज़रा-ज़रा सी बात पर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव अक्सर पैदा हो जाता है.
अब नॉर्थ कोरिया ने मंगलवार को सीमाई इलाक़े केसॉन्ग में चार मंज़िला एक इमारत को उड़ा दिया जिसे दोनों देशों ने मिलकर 2018 में बनाया था. इस इमारत को ढहाने से दोनों देशों के बीच चल रही शांति बहाली की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है.
नॉर्थ कोरिया ने कहा कि उसने साउथ कोरिया को जवाब देने के लिए यह कार्रवाई की है जहां नॉर्थ कोरिया से भगोड़े सक्रिय हैं. इन भगोड़ों ने हाल ही में लोकतंत्र की मांग करने वाले कुछ पैम्फलेट गुब्बारों में बांधकर नॉर्थ कोरिया की सीमा में छोड़े थे. वीडियो देखिए नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी ने कहा कि हाल ही में गुब्बारा छोड़कर एक बेवकूफी भरा काम किया गया. इससे सुप्रीम नेता किम जोंग उन की गरिमा को ठेस पहुंची है और वो दुखी भी हैं. नॉर्थ कोरिया ने यह भी कहा कि उसकी सीमा में गुब्बारे छोड़कर उस क़रार को भी तोड़ा है जो 2018 में किम जोंग उन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच हुआ था. दोनों देशों के रिश्ते 1953 में हुए युद्ध के बाद से ही बेहद कड़वे हैं जिसे कम करने के लिए अप्रैल 2018 में किम जोंग उन दक्षिण कोरिया गए थे. यह पहला मौक़ा था जब 1953 के युद्ध के बाद उत्तर कोरिया का कोई नेता दक्षिण कोरिया गया था. तब माना जा रहा था कि कड़वाहट पीछे छूट गई है और दोनों देश शांति और बेहतर रिश्तों के एक नए युग में दाख़िल हो रहे हैं. मगर इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते में खटास आ गई है और साउथ कोरिया ने भी सीमाई इलाक़ों में सेना की गश्त और निगरानी को बढ़ा दिया है.
नॉर्थ कोरिया ने कहा कि उसने साउथ कोरिया को जवाब देने के लिए यह कार्रवाई की है जहां नॉर्थ कोरिया से भगोड़े सक्रिय हैं. इन भगोड़ों ने हाल ही में लोकतंत्र की मांग करने वाले कुछ पैम्फलेट गुब्बारों में बांधकर नॉर्थ कोरिया की सीमा में छोड़े थे. वीडियो देखिए नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी ने कहा कि हाल ही में गुब्बारा छोड़कर एक बेवकूफी भरा काम किया गया. इससे सुप्रीम नेता किम जोंग उन की गरिमा को ठेस पहुंची है और वो दुखी भी हैं. नॉर्थ कोरिया ने यह भी कहा कि उसकी सीमा में गुब्बारे छोड़कर उस क़रार को भी तोड़ा है जो 2018 में किम जोंग उन और साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच हुआ था. दोनों देशों के रिश्ते 1953 में हुए युद्ध के बाद से ही बेहद कड़वे हैं जिसे कम करने के लिए अप्रैल 2018 में किम जोंग उन दक्षिण कोरिया गए थे. यह पहला मौक़ा था जब 1953 के युद्ध के बाद उत्तर कोरिया का कोई नेता दक्षिण कोरिया गया था. तब माना जा रहा था कि कड़वाहट पीछे छूट गई है और दोनों देश शांति और बेहतर रिश्तों के एक नए युग में दाख़िल हो रहे हैं. मगर इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्ते में खटास आ गई है और साउथ कोरिया ने भी सीमाई इलाक़ों में सेना की गश्त और निगरानी को बढ़ा दिया है.
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