अब राजस्थान की सांभर झील में 1000 से ज़्यादा प्रवासी परिंदों की मौत
ठंड के मौसम में दस्तक देने वाले प्रवासी परिंदों की रहस्यमयी मौत का सिलसिला जारी है. राजस्थान में महज़ पांच दिनों के भीतर दूसरी बार प्रवासी परिंदों की मौत हुई है. इस बार जयपुर से 80 किलोमीटर दूर सांभर झील के पास एक हज़ार से ज़्यादा प्रवासी परिंदे मरे मिले. माना जा रहा है कि इन परिंदों की मौत ज़हरीला पानी पीने या फिर ज़हरीले शैवालों के चलते हुई है.
मरने वाले इन परिंदों में तकरीबन 20-25 प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं. इनमें नॉदर्न शावलर, पिनटेल, कॉनम टील, रूडी शेल डक, कॉमन कूट गेडवाल, रफ, ब्लैक हेडड गल, ग्रीन बी ईटर, ब्लैक शेल्डर काइट कैसपियन गल, ब्लैक विंग्ड स्टील्ट, सेंड पाइपर, मार्श सेंड पाइपर, कॉमस सेंड पाइपर, वुड सेंड पाइपर पाइड ऐबोसिट, केंटिस प्लोवर, लिटिल रिंग्स प्लोवर, लेसर सेंड प्लोवर जैसी प्रजातियां शामिल हैं.
डूडू के तहसीलदार संजय कौशिक के मुताबिक परिंदों की मौत का पता लगाने के लिए ने सैंपल भोपाल की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं. वहीं प्रवासी परिंदों के विशेषज्ञ डॉ.सुमित के मुताबिक इन परिंदों की मौत की वजह कीटनाशक या इंफेक्शन नहीं है. इनकी लगातार हो रही मौतों को देखकर लगता है कि इन्हें बर्ड फ्लू हो गया है. डॉक्टर सुमित ने आसपास के लोगों को इनसे दूर रहने के लिए कहा है. वीडियो देखिये इस बार मॉनसून में अच्छी बारिश के चलते जयपुर के क़रीब सांभर झील पानी से भरी हुई है जिसकी वजह से ज़्यादा विदेशी परिंदे आए हैं लेकिन हजारों परिंदों की मौत से राज्य सरकार चिंता में पड़ गई है. वन विभाग समेत तमाम एजेंसियां परिंदों की लगातार हो रही मौत के कारणों का पता लगा रही हैं.
डूडू के तहसीलदार संजय कौशिक के मुताबिक परिंदों की मौत का पता लगाने के लिए ने सैंपल भोपाल की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं. वहीं प्रवासी परिंदों के विशेषज्ञ डॉ.सुमित के मुताबिक इन परिंदों की मौत की वजह कीटनाशक या इंफेक्शन नहीं है. इनकी लगातार हो रही मौतों को देखकर लगता है कि इन्हें बर्ड फ्लू हो गया है. डॉक्टर सुमित ने आसपास के लोगों को इनसे दूर रहने के लिए कहा है. वीडियो देखिये इस बार मॉनसून में अच्छी बारिश के चलते जयपुर के क़रीब सांभर झील पानी से भरी हुई है जिसकी वजह से ज़्यादा विदेशी परिंदे आए हैं लेकिन हजारों परिंदों की मौत से राज्य सरकार चिंता में पड़ गई है. वन विभाग समेत तमाम एजेंसियां परिंदों की लगातार हो रही मौत के कारणों का पता लगा रही हैं.
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