कोरोना काल में अब हॉस्पिटल बेड की कालाबाज़ारी
भारत में कोरोना महामारी अभी पीक पर नहीं है लेकिन महामारी के दौरान कालाबाज़ारी पीक पर है। मास्क की कालाबाज़ारी, सैनिटाइज़र की कालाबाज़ारी, राशन की कालाबाज़ारी, टिकट की कालाबाज़ारी और अब अस्पतालों में बेड की कालाबाज़ारी।
दुनिया भर में भारत छठे नम्बर पहुँच गया है। डब्ल्यूएचओ के एक्स्पर्ट ने कहा है कि अभी भारत में कोरोना का विस्फोट नहीं हुआ है लेकिन जल्दी ही हालात बिगड़ सकते हैं। घनी आबादी वाले इलाक़ों में अचानक विस्फोट हो सकता है और देश की राजधानी दिल्ली तीसरा सबसे ज़्यादा संक्रमित राज्य है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद दिल्ली का नम्बर है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बहुत गंभीर आरोप लगाया है।
अस्पताल, सेवा करने के लिए होते हैं। महामारी के दौर में ये सेवा बढ़ जाती है। काम बढ़ जाता है, ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन संकट के समय को फ़ायदे का अवसर बना लेने की कला का एक नाम है कालाबाज़ारी। दिल्ली में अस्पतालों की कमी नहीं है। सरकारी और ग़ैर सरकारी सब मिलाकर क़रीब पाँच हज़ार बेड हैं जिन्हें बढ़ाकर दस हज़ार करने की बात की जा रही है। पहले हफ़्ते तक दो हज़ार के क़रीब बेड खाली थे लेकिन कुछ अस्पतालों ने मरीज़ों को भर्ती करने से इनकार कर दिया। लेकिन ख़बरों के अनुसार ज़्यादा पैसे देने पर बेड मिलते रहे। उसी तरह से ऑक्सिजन के साथ या वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स भी ख़ाली हैं लेकिन दिए नहीं जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के अनुसार दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों में जिन्हें कोविड बेड्स डिक्लियर किया गया है उनकी संख्या 3,775 है। 340 आईसीयू बेड हैं और 271 वेंटिलेटर। प्राइवेट हॉस्पिटल में इनकी संख्या 700 है। लेकिन फिर भी कालाबाज़ारी हो रही है। ताज़ा हालात ये हैं देश में लगातार दूसरे दिन भी लगभग 10 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं जिसके बाद भारत इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा है भारत और चीन टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं नहीं तो ये संख्या कहीं ऊपर जाती। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 9 हज़ार 887 नए मामले मिले और लगभग 300 मौतें हुईं। जिसके बाद संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या 2 लाख 36 हज़ार 657 हो गई है जबकि मौत का आंकड़ा 6,642 पहुंच गया है। वहीं एक्टिव मरीज़ों की संख्या 1 लाख 15 हज़ार 942 दर्ज की गई है। कोरोनावायरस से प्रभावित देशों की सूची में अब भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका, ब्राज़ील, रूस, स्पेन और यूके हैं। जिस रफ़्तार से संक्रमण बेक़ाबू हो चुका है, अगले चार दिनों में भारत यूके और स्पेन को पीछे छोड़कर चौथा प्रभावित देश बन सकता है। सरकार के फ़ैसलों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बहुत पहले से कह रहे हैं कि लॉकडाउन फेल हो गया हैं। राहुल गांधी ने एक ग्राफ शेयर किया है। ग्राफ में बताया गया है कि स्पेन, जर्मनी, इटली और यूके में लॉकडाउन उस वक़्त लगाया गया जब संक्रमण बढ़ रहा था। लॉकडाउन के कुछ दिन बाद संक्रमण चरम पर पहुंचा और जब मरीज़ों की संख्या घटने लगी तो लॉकडाउन हटा लिया गया। वहीं भारत में लॉकडाउन जल्दी लगाया गया लेकिन संक्रमण घटने के पहल ही इसे हटा लिया गया। अब लॉकडाउन खुल गया है और मरीज़ बढ़ रहे हैं। ज़िन्दा रहने के लिए इंसान को दाना-पानी चाहिए होता है और अगर बीमार पड़े तो इलाज। लेकिन जब इलाज का सामान धंधा बन जाए तो भ्रष्टाचार और कालाबाज़ारी को कौन रोक सकता है। कोरोना महामारी में भी यही दिख रहा है। पैसा है तो ज़िंदगी ख़रीद सकते हैं नहीं तो सामने मौत है। ये कड़वा सच है लेकिन सरकार ईमानदार हो, जनता की हमदर्द हो और मुस्तैद हो तो इस कड़वी सच्चाई को बदला जा सकता है।
अस्पताल, सेवा करने के लिए होते हैं। महामारी के दौर में ये सेवा बढ़ जाती है। काम बढ़ जाता है, ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन संकट के समय को फ़ायदे का अवसर बना लेने की कला का एक नाम है कालाबाज़ारी। दिल्ली में अस्पतालों की कमी नहीं है। सरकारी और ग़ैर सरकारी सब मिलाकर क़रीब पाँच हज़ार बेड हैं जिन्हें बढ़ाकर दस हज़ार करने की बात की जा रही है। पहले हफ़्ते तक दो हज़ार के क़रीब बेड खाली थे लेकिन कुछ अस्पतालों ने मरीज़ों को भर्ती करने से इनकार कर दिया। लेकिन ख़बरों के अनुसार ज़्यादा पैसे देने पर बेड मिलते रहे। उसी तरह से ऑक्सिजन के साथ या वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स भी ख़ाली हैं लेकिन दिए नहीं जा रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स अख़बार के अनुसार दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों में जिन्हें कोविड बेड्स डिक्लियर किया गया है उनकी संख्या 3,775 है। 340 आईसीयू बेड हैं और 271 वेंटिलेटर। प्राइवेट हॉस्पिटल में इनकी संख्या 700 है। लेकिन फिर भी कालाबाज़ारी हो रही है। ताज़ा हालात ये हैं देश में लगातार दूसरे दिन भी लगभग 10 हज़ार कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं जिसके बाद भारत इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है। अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा है भारत और चीन टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं नहीं तो ये संख्या कहीं ऊपर जाती। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 9 हज़ार 887 नए मामले मिले और लगभग 300 मौतें हुईं। जिसके बाद संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या 2 लाख 36 हज़ार 657 हो गई है जबकि मौत का आंकड़ा 6,642 पहुंच गया है। वहीं एक्टिव मरीज़ों की संख्या 1 लाख 15 हज़ार 942 दर्ज की गई है। कोरोनावायरस से प्रभावित देशों की सूची में अब भारत से ऊपर सिर्फ अमेरिका, ब्राज़ील, रूस, स्पेन और यूके हैं। जिस रफ़्तार से संक्रमण बेक़ाबू हो चुका है, अगले चार दिनों में भारत यूके और स्पेन को पीछे छोड़कर चौथा प्रभावित देश बन सकता है। सरकार के फ़ैसलों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बहुत पहले से कह रहे हैं कि लॉकडाउन फेल हो गया हैं। राहुल गांधी ने एक ग्राफ शेयर किया है। ग्राफ में बताया गया है कि स्पेन, जर्मनी, इटली और यूके में लॉकडाउन उस वक़्त लगाया गया जब संक्रमण बढ़ रहा था। लॉकडाउन के कुछ दिन बाद संक्रमण चरम पर पहुंचा और जब मरीज़ों की संख्या घटने लगी तो लॉकडाउन हटा लिया गया। वहीं भारत में लॉकडाउन जल्दी लगाया गया लेकिन संक्रमण घटने के पहल ही इसे हटा लिया गया। अब लॉकडाउन खुल गया है और मरीज़ बढ़ रहे हैं। ज़िन्दा रहने के लिए इंसान को दाना-पानी चाहिए होता है और अगर बीमार पड़े तो इलाज। लेकिन जब इलाज का सामान धंधा बन जाए तो भ्रष्टाचार और कालाबाज़ारी को कौन रोक सकता है। कोरोना महामारी में भी यही दिख रहा है। पैसा है तो ज़िंदगी ख़रीद सकते हैं नहीं तो सामने मौत है। ये कड़वा सच है लेकिन सरकार ईमानदार हो, जनता की हमदर्द हो और मुस्तैद हो तो इस कड़वी सच्चाई को बदला जा सकता है।
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