नदी का नाम बदलने पर अखिलेश यादव ने योगी से पूछा, क्या अब सरयू में बाढ़ नहीं आएगी?
उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है. अब यूपी की योगी सरकार ने हालात सुधारने के इरादे से नोएडा और लखनऊ में कमिश्नर की व्यवस्था लागू कर दी है. मगर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे जनता का ध्यान भटकाने वाला फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि एक आईपीएस अफ़सर ने दूसरे आईपीएएस अफ़सर पर पोस्टिंग के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए एसएसपी को हटाकर कमिश्नर को नियुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कमिश्नर के पोस्ट होते ही नोएडा पुलिस के सब कागज़ जल गए।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि कमिश्नरी व्यवस्था दिल्ली में भी है. वहां पुलिस जामिया में चली गई. लाइब्रेरी में बच्चों को पीटा, गोली और आंसू गैस के गोले चले वहां पर. ना जाने कितने बच्चो के हाथ-पैर टूट गए, वो भी तो कमिश्नर ही तो थे.
वीडियो देखिये अखिलेश यादव ने जेएनयू हमले में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जेएनयू में पुलिस इंतज़ार करती रही और वहां भी कमिश्नर ही थे. किस बात का इंतज़ार कर रहे थी पुलिस और फिर एएफआइआर किस पर दर्ज की गई. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घाघरा नदी का नाम बदलकर सरयू नदी कर दिया है. इसपर अखिलेश यादव ने पूछा कि क्या घाघरा का नाम बदलने से पानी नया आ जाएगा, क्या घाघरा में अब बाढ़ नहीं आएगी? क्या लोग नहीं मरेंगे?
वीडियो देखिये अखिलेश यादव ने जेएनयू हमले में भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जेएनयू में पुलिस इंतज़ार करती रही और वहां भी कमिश्नर ही थे. किस बात का इंतज़ार कर रहे थी पुलिस और फिर एएफआइआर किस पर दर्ज की गई. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घाघरा नदी का नाम बदलकर सरयू नदी कर दिया है. इसपर अखिलेश यादव ने पूछा कि क्या घाघरा का नाम बदलने से पानी नया आ जाएगा, क्या घाघरा में अब बाढ़ नहीं आएगी? क्या लोग नहीं मरेंगे?
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