इंटरनेट बंद के कारण असम में ऑनलाइन न्यूज़ का बाज़ार ठप

by M. Nuruddin 4 years ago Views 1848

Online news market in Assam stalled
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो चुका है। विरोधों को देखते हुए असम में इटंरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसी के साथ असम से चलने वाली लगभग न्यूज़ पोर्टल बंद पड़ी हैं। असम में ऑनलाइन अख़बारों की दफ्तरों में काम बंद है। दी असम ट्रीब्यून, दी सेंटिनल, नॉर्थ-ईस्ट टुडे सहित दैनिक जन्मभूमि जैसी वेबसाइट पर 11 दिसंबर की शाम के बाद से कोई अपडेट नहीं है।

दी असम ट्रीब्यून पर 11 दिसंबर को गुवाहाटी में कर्फ्यू लगने की आख़री ख़बर देखी गई है। जिसमें लिखा गया है कि पूरे राज्य में अस्थिर विरोध को देखते हुए अनिश्चित समय के लिये शाम 6:15 बजे से गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना की दो टुकड़ियों की फ्लैग मार्च के लिये तैनाती की गई है। दी असम ट्रीब्यून ने लिखा है गुवाहाटी का जीएस रोड एक ‘वॉर ज़ोन’ की मार्फ़त नज़र आ रहा है। दी असम ट्रीब्यून की हेड ऑफिस गुवाहाटी में है।


दी सेंटिनल पर 11 दिसंबर सुबह 9 बजे की लास्ट अपडेट देखी जा सकती है। पोर्टल ने आख़िरि ख़बर बीजेपी एमएलए के मृत्यू की लगाई है। वहीं दूसरी ख़बर 8:55 मिनट पर पब्लिश की गई है जो सीएबी से जुड़ी है। दी सेंटिनल ने लिखा है कि असम में 11 घंटे के लिये बंद बुलाया गया था। आमतौर पर जब शहरों में बंद का ऐलान किया जाता है तो लोग गली में जाकर क्रिकेट खेलने लगते हैं या अड्डेबाजी में शामिल हो जाते हैं। दी सेंटिनल के मुताबिक़ इस बंदी के दौरान सभी लोगों ने केन्द्र सरकार के ख़िलाफ सीएबी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। दी सेंटिनल की हेड ऑफिस गुवाहाटी में है।

वहीं नॉर्थ-ईस्ट टुडे की वेबसाइट पर 11 दिसंबर को 4:08 बजे आख़री ख़बर सीएबी को लेकर पब्लिश की गई है। वेबसाइट ने आख़री ख़बर में हेडलाइन लिखा है कि केन्द्र जम्मू-कश्मीर से सेनाओं को हटा रही है और असम में तैनाती हो रही है। नॉर्थ-ईस्ट टुडे की हेड ऑफिस गुवाहाटी, नोएडा और मुंबई में स्थित है।

वहीं असमिया भाषा में दैनिक जन्मभूमि के नाम से ऑनलाइन अख़बार है। जिसकी अख़िरि अपडेट 11 दिसंबर है।

असम सहित त्रिपुरा में भी इंटरनेट सेवाएं बंद है। असम को जवानों से भर दिया गया है। दो रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है और कई जगह पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुई हैं।

नागरिकता संशोधन बिल को दोनों सदनों से मंज़ूरी मिल गई है। सीएबी पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा। जिसके तहत पाकिस्तान, अफग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए ग़ैर मुसमलमानों को नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए इन देशों के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।

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