पुलिस हिरासत में पिता-बेटे की मौत से तमिलनाडु में भड़का आक्रोश, राज्य में राजनीति गर्म
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में एक पिता और उसके बेटे की मौत की घटना के बाद राज्य में राजनीती गरमा गई है. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस मामले को लेकर सत्ताधारी तमिलनाडु की एआईएडीएमके के नेतृत्व वाली सरकार से अपील करते हुए ट्वीट किया कि - पुलिस की बर्बरता एक भयानक अपराध है. यह एक त्रासदी है जब हमारे रक्षक ही उत्पीड़क बन जाते हैं. मैं पीड़ितों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार से अपील करता हूं.
साथ ही एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवार को 25 लाख रुपये देने की घोषणा भी की है. वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है. यह मामला अब मद्रास हाईकोर्ट पहुंच गया है, कोर्ट ने पिता-पुत्र की मौत को लेकर पुलिस को 26 जुलाई तक रिपोर्ट दखिल करने का निर्देश भी दिया है. घटना 19 जून की है जब 59 साल के पी जयराज और उनके 31 साल के बेटे जे फेनिक्स को लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल दुकान खुली रखने को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंखन बताकर पुलिस ने पूछताछ करने के लिए हिरासत में ले लिया था. परिजनों का आरोप है कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए इन दोनों के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की जिसके बाद बेटा जे फेनिक्स बीमार हो गया और 22 जून को कोविलपट्टी जनरल अस्पताल में उसकी मौत हो गई जबकि अगली सुबह 23 जून को उसके पिता पी जयराज की मौत हो गई. इस घटना के विरोध में तूतीकोरिन में सभी दुकानों को भी बंद रखा गया. मामले में अब तक चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामि ने घटना पर दुख जताया है, लेकिन यातना के आरोपों पर वह कुछ भी कहने से बच रहे हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार को 10 लाख और सरकारी नौकरी देने की बात कही है.
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी इस मामले को लेकर तमिलनाडु सरकार पर हमला बोला, उन्होंने कहा कि कथित तौर पर पुलिस ने दो लोगों को जो यातना दी है, यह राज्य सरकार द्वारा पुलिस को अपने हाथ में कानून लेने दिए जाने का नतीजा है.Police brutality is a terrible crime. It’s a tragedy when our protectors turn into oppressors. I offer my condolences to the family of the victims and appeal to the government to ensure #JusticeForJeyarajAndFenix https://t.co/sVlqR92L3p
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 26, 2020
#JusticeForJayarajAndFenix https://t.co/9Gpib4q03G
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 26, 2020
साथ ही एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवार को 25 लाख रुपये देने की घोषणा भी की है. वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखा है. यह मामला अब मद्रास हाईकोर्ट पहुंच गया है, कोर्ट ने पिता-पुत्र की मौत को लेकर पुलिस को 26 जुलाई तक रिपोर्ट दखिल करने का निर्देश भी दिया है. घटना 19 जून की है जब 59 साल के पी जयराज और उनके 31 साल के बेटे जे फेनिक्स को लॉकडाउन के दौरान अपनी मोबाइल दुकान खुली रखने को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंखन बताकर पुलिस ने पूछताछ करने के लिए हिरासत में ले लिया था. परिजनों का आरोप है कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए इन दोनों के साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की जिसके बाद बेटा जे फेनिक्स बीमार हो गया और 22 जून को कोविलपट्टी जनरल अस्पताल में उसकी मौत हो गई जबकि अगली सुबह 23 जून को उसके पिता पी जयराज की मौत हो गई. इस घटना के विरोध में तूतीकोरिन में सभी दुकानों को भी बंद रखा गया. मामले में अब तक चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामि ने घटना पर दुख जताया है, लेकिन यातना के आरोपों पर वह कुछ भी कहने से बच रहे हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार को 10 लाख और सरकारी नौकरी देने की बात कही है.
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