डिटेंशन सेंटर को लेकर पीएम का बयान ग़लत, दस और बनाने का लक्ष्य

by M. Nuruddin 4 years ago Views 3135

Truth of detention center
नागरिकता क़ानून और एनआरसी को लेकर एक ओर देश में घमासान मची है वहीं दूसरी ओर अपने दावे को सच साबित करने की होड़। क़ानून पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारतीय मुसलमानों को नागरिकता क़ानून से डरने की ज़रूरत नहीं है लेकिन एनआरसी से उन लोगों को डरने की ज़रूरत है जो बांग्लादेशी हैं और ऐसे लोगों को देश से निकाला जाना चाहिये। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर कुछ नहीं कहा कि उन लोगों को विदेशी घोषित कर भेजा कहां जाएगा। ये बात छुपी नहीं है कि अवैध रूप से भारत आए लोगों को असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखा जाता है।

पीएम मोदी ने देश में डिटेंशन सेंटर के होने की बातों को सरासर झूठ करार दिया है। उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर को लेकर अफवाहें फैलाई गई हैं। पीएम मोदी ने कहा "सिर्फ कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेंशन सेंटर वाली अफ़वाहें सरासर झूठ है, बद-इरादे वाली है, देश को तबाह करने के नापाक इरादों से भरी पड़ी है - ये झूठ है, झूठ है, झूठ है."


एक ओर पीएम मोदी कहते हैं, ‘देश के मुसलमानों को डरने की ज़रूरत नहीं है, देश के मुसलमानों को ना डिटेंशन सेंटर में भेजा जा रहा है और ना ही देश में कोई डिटेंशन सेंटर है। पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मैं हैरान हूं कि ये झूठ बोलने के लिये किस हद तक जा सकते हैं।’

दूसरी ओर केन्द्र सरकार में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक सवाल के जवाब में कहते हैं कि पूर्वोत्तर के राज्य असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं। अपने जवाब में किशन रेड्डी ने कहा कि 25 जून 2019 तक इन डिटेंशन सेंटर में 1133 लोग हैं जिसमें 769 लोग एक साल से भी ज़्यादा वक्त से हैं और 335 लोग तीन साल से ज़्यादा समय से बंद हैं।

ये सभी छह डिटेंशन सेंटर असम के गोअलपारा, कोकड़ाझार, सिल्चर, डिब्रूगढ़, जोरहाट और तेज़पुर में स्थित है। जून 2019 को लोकसभा में दिये अपने जवाब में गृह राज्य मंत्री कहते हैं कि 31 अगस्त 2019 तक दस और डिटेंशन सेंटर बनाने के लिये राज्य सरकार को निर्देश दिये गए हैं, (ये असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी करने से पहले तक बनाए जाने का निर्देश था)।

04 अगस्त को ‘दि हिंदू’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 500 अवैध बांग्लादेशी शरणार्थी राजधानी दिल्ली से डिटेंशन सेंटरों में भेजे गए हैं।

न्यूज़ वेबसाइट ‘दि टेलिग्राफ’ के अनुसार असम के गोअलपाड़ा में 46.51 करोड़ रूपये की लागत से 3000 लोगों की क्षमता वाले डिटेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। तैयार होने के बाद सभी छह डिटेंशन सेंटरों से लोगों को गोअलपाड़ा में शिफ्ट किया जाएगा। दी टेलिग्राफ के मुताबिक महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार रहते राज्य के पहले डिटेंशन सेंटर के लिये जगह का चयन कर लिया गया था और इसपर काम भी शुरू होने वाला था।

एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि साल 2014 में राज्य सरकारों को एक चिट्ठी लिखी गई थी और 2018 में एक और चिट्ठी लिखकर राज्य सरकारों को अवैध रूप से भारत में रहने वाले शरणापर्थियों के लिये डिटेंशन सेंटर बनाए जाने का निर्देश दिया गया था।

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