कश्मीर घाटी में फंसे थे 40 पीओके नागरिक, 23 दिनों बाद हुई घर वापसी
विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म होने के बाद से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 40 नागरिक कश्मीर घाटी में फंसे हुए थे लेकिन 23 दिन के लंबे इंतज़ार के बाद इनकी वतन वापसी हो गई है। पीओके के सभी नागरिकों को पुंछ और रावलकोट को मिलाने वाले चकां दा बाग़ क्रॉसिंग प्वाइंट से ले जाया गया जो ईद से ठीक पहले अपने रिश्तेदारों से मिलने घाटी में पहुंचे थे और यहां फंसे हुए थे।
भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर पांच क्रॉसिंग प्वाइंट हैं लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद से बंद हैं। इनमें श्रीनगर-मुज़फ़्फ़रबाद क्रॉसिंग प्वाइंट, अटारी-हाजीपुर क्रॉसिंग प्वाइंट, तितवाल-नौसेरी क्रॉसिंग प्वाइंट, पुंछ-रावलकोट चकां दा बाग़ क्रॉसिंग प्वाइंट, महिंदर-तत्तापानी क्रॉसिंग प्वाइंट शामिल हैं।
कश्मीर घाटी और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के लोग इन क्रॉसिंग प्वाइंट से आवाजाही करते थे लेकिन फिलहाल ये पूरी तरह बंद हैं। वहीं घाटी में 23 दिन के बाद भी ज़िंदगी बेहद मुश्किल है। इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। पाबंदियों से परेशान डॉक्टरों ने लालचौक पर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मानें तो मरीज़ों में दवाओं के लिए अफ़रा-तफ़री मची हुई है।
कश्मीर घाटी और पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर के लोग इन क्रॉसिंग प्वाइंट से आवाजाही करते थे लेकिन फिलहाल ये पूरी तरह बंद हैं। वहीं घाटी में 23 दिन के बाद भी ज़िंदगी बेहद मुश्किल है। इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद होने के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। पाबंदियों से परेशान डॉक्टरों ने लालचौक पर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मानें तो मरीज़ों में दवाओं के लिए अफ़रा-तफ़री मची हुई है।
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