150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों के निजीकरण का ऐलान, सरकारी नौकरियां पर ख़तरा बढ़ा
भारतीय रेल में निजीकरण की रफ़्तार तेज़ कर दी गई है. अब 150 ट्रेनों के साथ-साथ 50 रेलवे स्टेशन को निजी हाथों में सौंपने का फ़ैसला हुआ है. ये जानकारी नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को चिट्ठी लिखकर दी है.
चिट्ठी में कहा गया है कि रेल मंत्रालय को 400 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला बनाना था लेकिन बीते कई सालों में ऐसा नहीं हो पाया. सिर्फ कुछ रेलवे स्टेशनों को ईपीसी मोड के तहत विकसित किया जा सका है.
अमिताभ कांत ने चिट्ठी में लिखा है कि हाल ही में छह एयरपोर्ट्स के निजीकरण के अनुभव को ध्यान में रखते हुए अब कम से कम 50 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा. इसके बारे में रेल मंत्रालय से विस्तृत बातचीत हुई है. चिट्ठी में ये भी बताया गया है कि रेल मंत्रालय पहले चरण में 150 ट्रेनों को प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर्स को सौंपने का फ़ैसला पहले ही कर चुका है. वीडियो देखिये भारतीय रेल में निजीकरण अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में 2014 में बनी कमिटी की सिफ़ारिश के तहत किया जा रहा है. केंद्र सरकार इसके निजीकरण के फ़ायदे गिनवा रही है लेकिन कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं और बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. देश में सबसे ज़्यादा सरकारी नौकरियां भारतीय रेल देती है लेकिन निजीकरण के बाद ऐसी नौकरियों के दरवाज़े भी बंद हो जाएंगे.
अमिताभ कांत ने चिट्ठी में लिखा है कि हाल ही में छह एयरपोर्ट्स के निजीकरण के अनुभव को ध्यान में रखते हुए अब कम से कम 50 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा. इसके बारे में रेल मंत्रालय से विस्तृत बातचीत हुई है. चिट्ठी में ये भी बताया गया है कि रेल मंत्रालय पहले चरण में 150 ट्रेनों को प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर्स को सौंपने का फ़ैसला पहले ही कर चुका है. वीडियो देखिये भारतीय रेल में निजीकरण अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में 2014 में बनी कमिटी की सिफ़ारिश के तहत किया जा रहा है. केंद्र सरकार इसके निजीकरण के फ़ायदे गिनवा रही है लेकिन कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं और बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. देश में सबसे ज़्यादा सरकारी नौकरियां भारतीय रेल देती है लेकिन निजीकरण के बाद ऐसी नौकरियों के दरवाज़े भी बंद हो जाएंगे.
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