CAA को रद्द करने वाला प्रस्ताव केरल विधानसभा में पास, केन्द्र को झटका

by GoNews Desk 4 years ago Views 3290

Proposal to repeal citizenship law passed in Keral
विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार पर राज्य सरकारों का शिकंजा बढ़ रहा है. अब केरल विधानसभा में इस क़ानून को लागू नहीं करने का प्रस्ताव किया गया है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून रद्द करने की मांग लेकर विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया. इस दौरान विजयन ने कहा, ‘केरल में धर्मनिरपेक्षता का एक लंबा इतिहास है. इस धरती पर यूनानी, रोमन, अरबी समेत सभी सभ्यताएं पहुंचीं. ईसाई और मुसलमान केरल में काफी पहले आए. हमारी परंपरा समावेशी है. ज़रूरत है कि हमारी विधानसभा इस परंपरा को ज़िंदा रखे.’


सीएम पिनरई विजयन ने साफ किया है कि केरल में नागरिकता क़ानून लागू नहीं होगा और राज्य में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा. केरल सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कामकाज भी रोकने का आदेश दे चुकी है. इससे पहले 29 दिसंबर को पिनरई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में राजनीतिक दलों, सामाजिक और धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक की थी. यहां फ़ैसला हुआ था कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ एक संयुक्त मोर्चा खड़ा किया जाएगा.

वहीं दूसरे छोर पर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा है. वो हर दिन प्रदर्शन करने के साथ-साथ अन्य राज्यों से समर्थन भी जुटा रही हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार ने ममता को समर्थन देने वाली चिट्ठी भी जारी कर दी है. उन्होंने कहा कि वो नागरिकता क़ानून और एनआरसी को लागू करने का विरोध करने वाले सभी दलों के साथ हैं.

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इस बीच उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने भी नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ अभियान तेज़ कर दिया है. उन्होंने पार्टी मुख्यालय से यूपी विधानसभा तक अपने विधायकों की साइकिल रैली निकाली. इनके पोस्टरों पर लिखा है, ‘नहीं चाहिए एनपीआर, हमको चाहिए रोज़गार.’

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