संसद से सड़क तक नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2318

Protest against the Citizenship Amendment bill fro
ग़ैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने वाले नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है. पूर्वोत्तर के सांसदों ने संसद परिसर में नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और इसे धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला क़ानून बताया. पूर्वोत्तर के कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि वो सदन के भीतर भी इसका विरोध करेंगे.

इस प्रस्तावित बिल के ख़िलाफ़ असम समेत पूर्वोत्तर के ज़्यादातर राज्यों में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्षी दलों के अलावा तमाम सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन, छात्र संगठन इसके ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.


उल्फा नेता अनूप चेतिया ने कहा कि इस प्रस्तावित क़ानून की वजह से असम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों सांस्कृतिक और भाषाई पहचान का वजूद संकट में पड़ गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस क़ानून के बनने से नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन की पूरी प्रक्रिया का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

वहीं केंद्र सरकार ने उत्तर पूर्व के राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अलग-अलग संगठनों के नुमाइंदों से बातचीत कर रही है ताकि नागरिकता संशोधन बिल पर बढ़ते विरोध को कम किया जा सके. इनमें ऑल बोडो छात्र यूनियन और मेघालय, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के छात्र संगठन शामिल हैं.

इस बीच एनआरसी के पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गई है. असम पब्लिक वर्क्स नाम की एक एनजीओ ने उनपर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया है और उसकी ही शिक़ायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने प्रतीक हजेला को तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया था. आरोप है कि एनआरसी अपडेशन के लिए जारी 1600 करोड़ रुपयों में प्रतीक हजेला ने हेराफेरी की है.

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