ट्रंप की भारत यात्रा के ख़िलाफ़ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान एक तरफ जहां अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक सरकार आओ-भगत कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ देश के कई हिस्सों में ट्रंप को वामपंथी दलों और मज़दूर संघ का विरोध भी झेलना पड़ रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रंप के विरोध में मार्च निकाले गए। राजधानी दिल्ली, भोपाल, गुजरात, यूपी के अलग-अलग हिस्सों में लेफ्ट पार्टियों के साथ ही मज़दूर संघ ने आर्थिक नीति के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किया। ज़ाहिर है बीते कई सालों से अमेरिका, भारत के बाज़ारों में अपने डेयरी, कृषि और चिकित्सा प्रॉडक्ट को ज़्यादा से ज्यादा उतारने के लिए भारत पर दबाव बनाता रहा है।
और ऐसे में जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर हैं तो उनका मक़सद व्यापारिक समझौते करना है। इसके तहत भारत सरकार अमेरिका से दूध और दूध से बनी चीज़ों को भारत में आयात करने की अमुनति दे सकती हैं। मज़दूर संघ का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो देश के करोड़ो पशुपालकों और किसानों का कारोबार तबाह हो जाएगा। तो वहीं भोपाल में महिलाओं ने हाथ में झाड़ू लेकर ट्रंप विरोधी नारों के साथ उनके भारत दौरे का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी में गैस पीड़ितों को उचित मुआवज़ा मिलना चाहिए और दोषी कंपनी को सज़ा देनी चाहिए। ज़ाहिर है सरकार भले ही ट्रंप के आगमन पर खड़ी है लेकिन वहीं कई लोग उनकी यात्रा से नाराज़ हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में ट्रंप के विरोध में मार्च निकाले गए। राजधानी दिल्ली, भोपाल, गुजरात, यूपी के अलग-अलग हिस्सों में लेफ्ट पार्टियों के साथ ही मज़दूर संघ ने आर्थिक नीति के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किया। ज़ाहिर है बीते कई सालों से अमेरिका, भारत के बाज़ारों में अपने डेयरी, कृषि और चिकित्सा प्रॉडक्ट को ज़्यादा से ज्यादा उतारने के लिए भारत पर दबाव बनाता रहा है।
और ऐसे में जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत दौरे पर हैं तो उनका मक़सद व्यापारिक समझौते करना है। इसके तहत भारत सरकार अमेरिका से दूध और दूध से बनी चीज़ों को भारत में आयात करने की अमुनति दे सकती हैं। मज़दूर संघ का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो देश के करोड़ो पशुपालकों और किसानों का कारोबार तबाह हो जाएगा। तो वहीं भोपाल में महिलाओं ने हाथ में झाड़ू लेकर ट्रंप विरोधी नारों के साथ उनके भारत दौरे का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी में गैस पीड़ितों को उचित मुआवज़ा मिलना चाहिए और दोषी कंपनी को सज़ा देनी चाहिए। ज़ाहिर है सरकार भले ही ट्रंप के आगमन पर खड़ी है लेकिन वहीं कई लोग उनकी यात्रा से नाराज़ हैं।
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