नागरिकता कानून के विरोध की आंच अन्य राज्यों में फैली, यूपी, बिहार, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु में प्रदर्शन
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंज़ूरी के बाद नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन की आग उत्तर पूर्व के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी फैल रही है. इस क़ानून के ख़िलाफ़ गुवाहाटी में प्रदर्शनकारी भूख हड़ताल कर रहे हैं तो राजधानी दिल्ली, यूपी और बिहार जैसे राज्यों में लोग सड़कों पर निकल आए हैं.
नागरिकता क़ानून पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर लगने के बाद असम समेत उत्तर पूर्व के राज्यों में आंदोलन तेज़ हो गया है. ऑल असम स्टूडेंट यूनियन की अपील पर गुवाहाटी के चांदमारी इलाक़े में हज़ारों लोग जमा हो गए हैं और इस क़ानून के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने साफ़ किया है कि उन्हें नागरिकता क़ानून मज़ूर नहीं है. उन्हें असम में और बांग्लादेशी नहीं चाहिए.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि असमिया पहचान को सुरक्षित रखने के लिए क़ानून है लेकिन नागरिकता क़ानून बनने के बाद उनका वजूद ख़तरे में है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीजेपी और असम गण परिषद ने मिलकर राज्य की जनता को धोखा दिया है. अभी वे आंदोलन कर रहे हैं और बाद में राजनीतिक तरीक़े से इसका जवाब भी देंगे. असम के अलावा त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी हालात संवेदनशील बने हुए हैं और सुरक्षाबलों का पहरा बढा दिया गया है. इन राज्यों के कई ज़िले कर्फ्यूग्रस्त हैं और इंटरनेट सेवा बंद है. हालात इस क़दर ख़राब हैं कि जापानी पीएम शिंज़ो आबे को अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ा है. वो 15 से 17 दिसंबर के बीच पीएम मोदी के साथ गुवाहाटी में शिखर वार्ता करने वाले थे. वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने अपना शिलॉंग दौरा रद्द कर दिया है जो वहां नॉर्थ-ईस्ट पुलिस अकादमी के प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले थे. वीडियो देखिये इस क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर पूर्व के राज्यों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश भी जगह-जगह प्रदर्शन हुए हैं. बिहार के गया में हज़ारों की तादाद में लोग सड़कों पर निकल आए हैं. हैदराबाद और भोपाल में प्रदर्शन हुए है. यूपी के अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों को दिल्ली पुलिस ने कैंपस में घुसकर बुरी तरह से मारा है. कई स्टूडेंट्स को गहरी चोटें आई हैं जबकि कई हिरासत में लिये गए हैं. वहीं डीएमके की युवा ईकाई ने चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया है. यहां भी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि असमिया पहचान को सुरक्षित रखने के लिए क़ानून है लेकिन नागरिकता क़ानून बनने के बाद उनका वजूद ख़तरे में है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बीजेपी और असम गण परिषद ने मिलकर राज्य की जनता को धोखा दिया है. अभी वे आंदोलन कर रहे हैं और बाद में राजनीतिक तरीक़े से इसका जवाब भी देंगे. असम के अलावा त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी हालात संवेदनशील बने हुए हैं और सुरक्षाबलों का पहरा बढा दिया गया है. इन राज्यों के कई ज़िले कर्फ्यूग्रस्त हैं और इंटरनेट सेवा बंद है. हालात इस क़दर ख़राब हैं कि जापानी पीएम शिंज़ो आबे को अपना भारत दौरा रद्द करना पड़ा है. वो 15 से 17 दिसंबर के बीच पीएम मोदी के साथ गुवाहाटी में शिखर वार्ता करने वाले थे. वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने अपना शिलॉंग दौरा रद्द कर दिया है जो वहां नॉर्थ-ईस्ट पुलिस अकादमी के प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले थे. वीडियो देखिये इस क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर पूर्व के राज्यों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश भी जगह-जगह प्रदर्शन हुए हैं. बिहार के गया में हज़ारों की तादाद में लोग सड़कों पर निकल आए हैं. हैदराबाद और भोपाल में प्रदर्शन हुए है. यूपी के अलीगढ़ में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रदर्शनकारी छात्रों को दिल्ली पुलिस ने कैंपस में घुसकर बुरी तरह से मारा है. कई स्टूडेंट्स को गहरी चोटें आई हैं जबकि कई हिरासत में लिये गए हैं. वहीं डीएमके की युवा ईकाई ने चेन्नई में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन किया है. यहां भी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
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