CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, वंचित बहुजन अघाड़ी का आज महाराष्ट्र बंद
पूरे देश में नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ धरने और विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। दिल्ली के शाहीन बाग़ में शुक्रवार को महिलाओं के धरने का 41वां दिन है। शुक्रवार को वंचित बहुजन अघाड़ी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में महाराष्ट्र बंद बुलाया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरने का सिलसिला लगातार जारी है। दिल्ली के शाहीन बाग़ में महिलाओं का धरना जारी है और शुक्रवार को धरने का 41वां दिन है। गुरुवार रात शाहीन बाग में छात्रों और कुछ थियेटर आर्टिस्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए एक नुक्कड़ नाटक किया।
वीडियो देखिये दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज़ पर लखनऊ, अलीगढ़, भोपाल, दार्जिलंग, भोपाल, हल्द्वानी समेत देश के कई शहरों में नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ महिलाओं का धरना जारी है। यूपी के अलीगढ़ में भी नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों ने नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन किया। उधर महाराष्ट्र में भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरना जारी है। शुक्रवार को वंचित बहुजन अघाड़ी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में महाराष्ट्र बंद बुलाया है। वहीं राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो सकता है। अगर राजस्थान विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास होता है तो केरल और पंजाब के बाद राजस्थान CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास कराने वाला तीसरा राज्य होगा।
वीडियो देखिये दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज़ पर लखनऊ, अलीगढ़, भोपाल, दार्जिलंग, भोपाल, हल्द्वानी समेत देश के कई शहरों में नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ महिलाओं का धरना जारी है। यूपी के अलीगढ़ में भी नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों ने नागरिकता कानून, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन किया। उधर महाराष्ट्र में भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरना जारी है। शुक्रवार को वंचित बहुजन अघाड़ी ने सीएए और एनआरसी के विरोध में महाराष्ट्र बंद बुलाया है। वहीं राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो सकता है। अगर राजस्थान विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास होता है तो केरल और पंजाब के बाद राजस्थान CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास कराने वाला तीसरा राज्य होगा।
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