दिल्ली दंगे के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन भड़का

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 4012

Protests erupted in Afghanistan and Bangladesh aga
दिल्ली के सांप्रदायिक दंगे की आंच पड़ोसी देशों में पहुंच गई है. बांग्लादेश के साथ-साथ अफ़ग़ानिस्तान के शहरों में दिल्ली में हुए दंगे के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए जहां भारत विरोधी नारेबाज़ी की गई. प्रदर्शनकारियों ने दंगे के लिए पीएम मोदी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए उन्हें निशाना बनाया है.

दिल्ली का सांप्रदायिक दंगा 10 दिन पहले ख़त्म हो चुका है लेकिन इसकी आंच अब पड़ोसी देश बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में पहुंच गई है. दोनों देशों के कई शहरों में जुमे की नमाज़ के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं. 


छह मार्च को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी क़ाबुल में नागरिक संगठन बैनर पोस्टर लेकर शहर-ए-नौ पार्क में जमा हुए. बैनर पर पीएम मोदी की क्रॉस लगी तस्वीर थी और दिल्ली में मुसलमानों पर हुए दमन का ज़िक्र था. यहां नागरिक संगठनों ने दिल्ली दंगे पर भाषण दिया और फिर भारतीय दूतावास की तरफ बढ़ने लगे. हालांकि सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को भारतीय दूतावास तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि अफ़ग़ानिस्तान की अशरफ़ ग़नी की सरकार को भारत के साथ राजनयिक संबंध सख़्त कर लेने चाहिए.

काबुल के अलावा अफ़ग़ानिस्तान में दूसरा प्रदर्शन हेरात सिटी में हुआ. यहां जामिया मस्जिद गुज़ारगाह के बाहर तकरीबन दो हज़ार लोग जमा हुए. यहां दिल्ली दंगे का ज़िक्र करते हुए भारत विरोधी नारेबाज़ी की गई और पीएम मोदी को निशाना बनाया गया. हेरात की जामिया मस्जिद गुज़ारगाह ऐतिहासिक महत्व वाली जगह है. यहां सूफ़ी संत ख़्वाजा अब्दुल्लाह अंसारी की मज़ार है जिन्हें पीर-ए-हेरात कहा जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी 17 मार्च को बांग्लादेश दौरे पर जाने वाले हैं. उन्हें राजधानी ढाका में बांग्लादेश के संस्थापक शेख़ मुजीबुर रहमान की जयंती समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होना है लेकिन दिल्ली दंगे की वजह से यहां विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा है. जमात-ए-इस्लामी समेत बांग्लादेश के प्रमुख इस्लामिक संगठनों ने जुमे की नमाज़ के बाद विरोध करना शुरू कर दिया है. 28 फरवरी के बाद छह मार्च को ढाका की बैत उल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के सामने हज़ारों लोग जमा हो गए.

विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी को भेजा गया दावतनामा शेख हसीना सरकार से रद्द करने की मांग की. ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि पीएम मोदी का यह दौरा रद्द नहीं हुआ तो ढाका एयरपोर्ट पर उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे. 

ख़िलाफ़त आंदोलन के ढाखा सिटी के प्रमुख मौलाना मुजीबुर रहमान हामिदी ने कहा कि भारत में मुसलमानों पर हमला नहीं थमा तो विरोध प्रदर्शन तेज़ होगा. मौलाना मुजीब की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी का पुतला भी फूंका. प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना सरकार में मंत्री ओबैदुल कादिर के इस्तीफ़े की मांग की है जिन्होंने कहा था कि दिल्ली में जारी हिंसा भारत का आंतरिक मामला है.

ढाका के अलावा खुलना, श्रीमंगल, सिलहट, नरसिंगड़ी, बारिसल, दीनापुर, नेत्रकोना, नारायणगंज में भी लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया है. ज़्यादातर प्रदर्शनों में भारत विरोधी नारे लगाए गए और पीएम मोदी को निशाना बनाया गया. 

दिल्ली दंगे को लेकर अफ़ग़ानिस्तान या बांग्लादेश की सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. दोनों देशों से भारत के रिश्ते अच्छे हैं लेकिन इन देशों में भारत विरोधी प्रदर्शनों का शुरू होना चिंता की बात है. विरोध प्रदर्शनों के ज़रिए दोनों सरकारों पर दबाव बनाने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. 

दोनों देशों में हुए प्रदर्शनों में कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठन भी शामिल हुए हैं. आशंका है कि ये संगठन अपने विस्तार के लिए दिल्ली के सांप्रदायिक दंगे को हथियार बना सकते हैं.

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