केन्द्र सरकार के बैंक मर्जर के फैसले का देशभर में विरोध, सड़क पर उतरे कर्मचारी
केन्द्र सरकार के बैंक मर्जर के फैसले का देशभर में विरोध, सड़क पर उतरे कर्मचारी
सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों के विलय के ख़िलाफ़ बैंकों कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल की. इस हड़ताल में शामिल हज़ारों बैंक कर्मचारियों ने कामकाज पूरी तरह ठप रखा. ना बैंकों के शटर खुले और न ही कंप्यूटर ऑन किए गए. सभी कर्मचारियों ने बैंकों के विलय को एक आत्मघाती क़दम बताया और कहा अगर ऐसा हुआ तो पब्लिक का पैसा डूबने का ख़तरा बढ़ जाएगा. बैंका का छोटा होना ग्राहकों के हित में है क्योंकि जितना बड़ा बैंक होगा, उतना बड़ा ख़तरा मंडराएगा.
यह हड़ताल ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज असोसिएशन और बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया की अपील पर बुलाई गई है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि विलय से बैंकों की शाखाएं बंद होंगी और कर्मचारियों की छुट्टी होगी.
वित्त मंत्रालय ने जिन बैंकों के विलय का ऐलान किया है, उनमें बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक शामिल हैं. ये सभी देश के पुराने बैंकों में शुमार हैं जो मुनाफ़े में रहते हैं लेकिन कॉरपोरेट कंपनियों के एनपीए की गाज इनपर गिराई जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार पब्लिक को सही तस्वीर नहीं दिखा रही है. कोलकाता की बैंक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मौजूदा सरकार में बैंक ग्राहकों को सर्विस चार्ज बहुत वसूला जा रहा है और विरोध की एक वजह ये भी है. विलय के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, सर्विस चार्ज, बैड लोन रिकवरी, डिफॉल्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जैसे मुद्दे भी प्रदर्शनकारियों के अजेंडा में थे. इन्होंने चेतावनी दी कि आगे भी हड़ताल की जा सकती है. दूसरी ओर इस हड़ताल की वजह से लाखों बैंक ग्राहकों को इधर उधर भटकना पड़ा.
वित्त मंत्रालय ने जिन बैंकों के विलय का ऐलान किया है, उनमें बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक शामिल हैं. ये सभी देश के पुराने बैंकों में शुमार हैं जो मुनाफ़े में रहते हैं लेकिन कॉरपोरेट कंपनियों के एनपीए की गाज इनपर गिराई जा रही है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार पब्लिक को सही तस्वीर नहीं दिखा रही है. कोलकाता की बैंक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मौजूदा सरकार में बैंक ग्राहकों को सर्विस चार्ज बहुत वसूला जा रहा है और विरोध की एक वजह ये भी है. विलय के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, सर्विस चार्ज, बैड लोन रिकवरी, डिफॉल्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जैसे मुद्दे भी प्रदर्शनकारियों के अजेंडा में थे. इन्होंने चेतावनी दी कि आगे भी हड़ताल की जा सकती है. दूसरी ओर इस हड़ताल की वजह से लाखों बैंक ग्राहकों को इधर उधर भटकना पड़ा.
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