विधानसभा सत्र बुलाने को अब राहुल गांधी का राज्यपाल कलराज मिश्रा पर हमला
राहुल गाँधी के हमले के बाद राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने पूरे राजस्थान में सभी ज़िलों पर धरना-प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है. हालांकिउन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन में सिर्फ 50 लोग ही शामिल होंगे.देश में संविधान और क़ानून का शासन है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2020
सरकारें जनता के बहुमत से बनती व चलती हैं।
राजस्थान सरकार गिराने का भाजपाई षड्यंत्र साफ़ है। ये राजस्थान के आठ करोड़ लोगों का अपमान है।
राज्यपाल महोदय को विधान सभा सत्र बुलाना चाहिए ताकि सच्चाई देश के सामने आए।#ArrogantBJP
सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि कल 25 जुलाई के प्रदर्शन में राज्य सरकार द्वारा कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करें।सभी लोग धरना प्रदर्शन DCC ऑफिस पे दें और 50 से ज़्यादा लोग इकट्ठा ना हों।5 लोग जाकर कलेक्ट्रेट जाकर कलेक्टर को राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन दें।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 24, 2020
इससे पहले शुक्रवार को राजभवन में कांग्रेसी विधायकों की नारेबाज़ी के बाद देर 10 बजे से रात 12 बजे तक सीएम हाउस पर सीएम अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में उल्टी गंगा बह रही है. बहुमत साबित करने के लिए कांग्रेस विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती हैं. इस कदम को बीजेपी को स्वागत करना चाहिए था क्योंकि यही लोकतंत्र की परंपरा रही है. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं और इसलिए हम उनसे अनुरोध करते है कि वह विधानसभा सत्र को तुरंत बुलाएं. वहीं दूसरी ओर राज्यपाल कलराज मिश्रा ने सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखकर उनके द्वारा राजभवन घेराव वाले बयान पर आपत्ति जताते हुए पुछा कि क्या राजस्थान में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है, मुख्यमंत्री और उसका गृह मंत्रालय घेराव की स्थिति में राजभवन की सुरक्षा नहीं कर सकता? फिर ऐसे स्थिति में किस एजेंसी से सुरक्षा के लिए संपर्क करें आप ही बताएं? साथ ही राज्यपाल कलराज मिश्रा का कहना है कि तुंरत विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता. संविधान के मुताबिक सामान्य प्रक्रिया के तहत, सत्र को बुलाए जाने के लिए 21 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है. राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा नहीं बताया जिससे की विधानसभा का आपात सत्र बुलाया जाए.
वहीं अब कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत इस पुरे मामले पर कानूनी विकल्पों और सियासी हथियारों पर गंभीर रूप से विचार कर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस अड़ी हुई है कि उनके पास बहुमत है और वह फ्लोर टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार है.Rajasthan’s Governor Kalraj Mishra writes to CM Ashok Gehlot stating, 'Before I could discuss the matter with experts regarding Assembly session, you have publically said that if Raj Bhawan is 'gheraoed' then it is not your responsibility. (file pic) (1/2) pic.twitter.com/Q2nqFcWDuB
— ANI (@ANI) July 24, 2020
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