चने की खरीद नहीं होने पर राजस्थान के किसानों ने दिल्ली कूच किया
राजस्थान के किसानों ने चने की खरीद को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विरोध-प्रदर्शन के लिए दिल्ली कूच कर चुके किसानों की मांग है कि सरकार ने चने की खरीदारी अपने लक्ष्य से बेहद कम की है. अगर सरकार चने की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर नहीं करती है तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट का कहना है, ‘केन्द्र सरकार ने 26.75 लाख टन चने की खरीदारी का लक्ष्य रखा था लेकिन अबतक सिर्फ छ: लाख टन चने की खरीदारी की गई है. ये सरकारी नारे ‘आत्मनिर्भर’ भारत के ख़िलाफ है।’ किसान महापंचायत का कहना है कि सरकार की इस खरीदारी के बाद 20.7 लाख टन चना किसानों के पास पड़ा है. इनमें से राज्य की मंडियों में दो लाख टन चना बमुश्किल बेचा गया है लेकिन बचा हुआ 18.7 लाख टन चना बर्बादी की कगार पर हैं।
अगर सरकार इनकी खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर नहीं करती है तो किसानों को 2070 करोड़ रूपये तक का नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसानों को प्रति क्विंटल 1000 से 1200 रूपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही किसान, सरकार द्वारा कुल उत्पादन की खरीद पर लगाए गए प्रतिबंध को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की लंबे समय से मांग रही है कि कुल उत्पादन का 25 फीसदी की खरीदारी के बजाए 50 फीसदी की जाए ताकि उत्पादन पर पड़े बोझ को कम किया जा सके। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन में देश के 80 करोड़ ग़रीब परिवारों के लिए गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक जारी रखने की बात कही थी। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने हर परिवार को राशन कार्ड पर एक किलो चना मुफ्त देने का भी ऐलान किया था। अब देखना होगा की सरकार राजस्थान के इन किसानों से चने की खरीदारी पर कबतक राजी होती है।
Farmers from Rajasthan are on their way to Delhi from Dudu,to protest against Centre's crop procurement policies. Kisan Maha Panchayat's Rampal Jaat says,"Centre has procured only 6 lakh tonnes of Chana out of total 26.75lakh tonnes.This is against slogan of 'Atmanirbhar Bharat". pic.twitter.com/a6E37GkIfq
— ANI (@ANI) July 8, 2020
अगर सरकार इनकी खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर नहीं करती है तो किसानों को 2070 करोड़ रूपये तक का नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसानों को प्रति क्विंटल 1000 से 1200 रूपये तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही किसान, सरकार द्वारा कुल उत्पादन की खरीद पर लगाए गए प्रतिबंध को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की लंबे समय से मांग रही है कि कुल उत्पादन का 25 फीसदी की खरीदारी के बजाए 50 फीसदी की जाए ताकि उत्पादन पर पड़े बोझ को कम किया जा सके। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन में देश के 80 करोड़ ग़रीब परिवारों के लिए गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक जारी रखने की बात कही थी। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने हर परिवार को राशन कार्ड पर एक किलो चना मुफ्त देने का भी ऐलान किया था। अब देखना होगा की सरकार राजस्थान के इन किसानों से चने की खरीदारी पर कबतक राजी होती है।
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