कोरोना के ख़ौफ़ से अख़बार नहीं ख़रीद रहे पाठक, बिक्री 80 फ़ीसदी तक घटी
कोरोनावायरस के ख़ौफ़ के चलते देशभर में अख़बारों की बिक्री को ज़बरदस्त झटका लगा है. देश के कई शहरों में अख़बारों की बिक्री में 80 फ़ीसदी तक गिरावट आ गई है. पाठकों को डर सता रहा है कि अख़बार ख़रीदने से कोरोनावायस का संक्रमण उनके घर में आ सकता है.
दिल्ली-एनसीआर की तमाम सोसायटीज़ में हॉकर्स की एंट्री भी बैन कर दी गई है. कोलकाता में अख़बार के डिस्ट्रीब्यूटर अमित गोस्वामी ने कहा कि उनकी अख़बारों की बिक्री 80 फ़ीसदी तक घट गई है.
कोलकाता के एक हॉकर ने कहा कि ज़्यादातर ग्राहकों ने अख़बार ख़रीदना बंद कर दिया है. लोगों को यह डर सता रहा है कि संक्रमण उनके घरों में पहुंच सकता है. लिहाज़ा, हॉकर्स को सोसायटी में भी नहीं जाने दिया जा रहा है. जम्मू के हॉकर्स ने कहा कि रोज़ाना उन्हें 70 से 80 हज़ार अख़बारों की प्रतियां मिलती थीं लेकिन अब महज़ 15000 प्रतियां मिल रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अख़बार जैसी चीज़ से संक्रमण का ख़तरा नहीं है क्योंकि मॉडर्न प्रिटिंग पूरी तरह ऑटोमेटेड है. अख़बार छापने में हाथ का इस्तेमाल नहीं होता है. हालांकि इसके बाद सर्कुलेशन के दौरान डिस्ट्रीब्यूटर और हॉकर की सप्लाई चेन इसे हाथ से ज़रूर छूती है. पाठकों को यह डर सता रहा है कि सप्लाई चेन के सैनेटाइज़ेशन में कमी या लापरवाही होने पर वे संक्रमित हो सकते हैं. इस बीच अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू समेत कई मीडिया संस्थानों ने पाठकों के लिए अपने ईपेपर की एक्सेस मुफ़्त कर दी है. पाठक इंटरनेट के ज़रिए अख़बारों को पढ़ सकते हैं.
कोलकाता के एक हॉकर ने कहा कि ज़्यादातर ग्राहकों ने अख़बार ख़रीदना बंद कर दिया है. लोगों को यह डर सता रहा है कि संक्रमण उनके घरों में पहुंच सकता है. लिहाज़ा, हॉकर्स को सोसायटी में भी नहीं जाने दिया जा रहा है. जम्मू के हॉकर्स ने कहा कि रोज़ाना उन्हें 70 से 80 हज़ार अख़बारों की प्रतियां मिलती थीं लेकिन अब महज़ 15000 प्रतियां मिल रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अख़बार जैसी चीज़ से संक्रमण का ख़तरा नहीं है क्योंकि मॉडर्न प्रिटिंग पूरी तरह ऑटोमेटेड है. अख़बार छापने में हाथ का इस्तेमाल नहीं होता है. हालांकि इसके बाद सर्कुलेशन के दौरान डिस्ट्रीब्यूटर और हॉकर की सप्लाई चेन इसे हाथ से ज़रूर छूती है. पाठकों को यह डर सता रहा है कि सप्लाई चेन के सैनेटाइज़ेशन में कमी या लापरवाही होने पर वे संक्रमित हो सकते हैं. इस बीच अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू समेत कई मीडिया संस्थानों ने पाठकों के लिए अपने ईपेपर की एक्सेस मुफ़्त कर दी है. पाठक इंटरनेट के ज़रिए अख़बारों को पढ़ सकते हैं.
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