सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं’

by GoNews Desk 3 years ago Views 4364

RESERVATION NOT A FUNDAMENTAL RIGHT, SAYS SC
तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने साफ किया है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। इसलिए कोटा का लाभ ना मिलना किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।

तमिलनाडु में मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण के लिए सीपीआई, डीएमके, एआईडीएमके सहित अन्य दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, ‘हम राजनीतिक दलों की पिछड़े वर्गों के लिए इन चिंताओं की सराहना करते हैं लेकिन आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है।’


सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डेंटल कॉलेजों में ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित किए जाने की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि केन्द्रीय संस्थानों के अलावा अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा के तहत ओबीसी उम्मीदवारों को दाखिला मिलना चाहिए।

वीडियो देखिए

साथ ही याचिका में यह भी कहा गया था कि ओबीसी उम्मीदवारों को मेडिकल संस्थानों में दाखिला ना मिलना उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। इसके लिए संविधान की अनुच्छे 32 का हवाला दिया गया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मौलिक अधिकार के हनन का मामला नहीं है। अनुच्छे 32 का इस्तेमाल सिर्फ मौलिक अधिकार के उल्लंघन वाले मामले में ही किया जाएगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की याचिका ख़ारिज करते हुए उन्हें हाई कोर्ट जाने की इजाज़त दी है।

Latest Videos

Latest Videos

Facebook Feed