2015 के बाद से देश में तेज़ी से बढ़ रहे है महिलाओं के ख़िलाफ अपराध

by Arushi Pundir 4 years ago Views 1431

RISE IN CRIMES AGAINST WOMEN
हैदराबाद में रेप और हत्याकांड मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रर्दशन हो रहे है। देश के अलग- अलग हिस्सों में सवाल उठाए जा रहे है कि महिलाओं के हो रहे अपराधों पर सरकार कोई सख़्त क़दम क्यों नहीं उठा रही। अगर हम महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो साल 2015 के बाद से इनमें तेज़ी आई है।

NCRB यानि national crime records bureau की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में कुल 50 लाख़ 7 हज़ार 44 अपराधों के मामले दर्ज किये गए जिनमें साल 2015 में महिलाओं के ख़िलाफ अपराध के 3 लाख 29 हजार 243 मामले दर्ज किये थे।


जबकि साल 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3 लाख़ 38 हज़ार 954 मामले दर्ज किये गए थे। और साल 2017 में 3 लाख 59 हज़ार 849  मामले दर्ज किये गए है। ये आकंड़े बताते है कि देश में महिलाओं के खिलाफ़ अपराध के मामले थम नहीं रहे है।

NCRB के जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित राज्य उत्तर प्रदेश है। जबकि Lakshwadeep,Daman and Diu, Dadra and Nagar Haveli और नागालैंड को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित बताया गया है।

साल 2015 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35 हजार 908 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2016 में ये बढ़कर 49 हजार 262 दर्ज किये हुए थे और साल 2017 में कुल 56 हजार 11 मामले दर्ज किए गए है। दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ अपराध के मामलों साल 2015 में 17 हजार 222 और साल 2016 में इनमें थोड़ी कमी आई लेकिन हालात सुधर नहीं पाए है।

वहीं महिलाओं के लिए मध्य प्रदेश में हालात ख़राब हो रहे है। आकंड़ो के मुताबिक मध्य प्रदेश में ऐसे मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। साल 2015 में 24 हजार 231 और साल 2016 में 26 हजार 604 थी। वहीं 2017 में 29 हजार 788 मामले दर्ज किए गए। साथ ही बिहार में भी में महिलाओं के ख़िलाफ अपराध के मामले बढ़ते ही नज़र आए है।

साल 2015 में 13 हजार 904, साल 2016 में 13 हजार 400 और साल 2017 में 14 हजार 711 मामले  दर्ज किए गए वहीं, महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों की संख्या साल 2015, 2016 और 2017 में 31 हजार 216, 31 हजार 388 और 31 हजार 979 रही है।

वहीं NCRB की रिपोर्ट में महिलाओं पर Acid Attack के मामलों में कोई सुधार नहीं बताया गया है। वहीं Attempt to Acid Attack, महिलाओं को मारने के इरादे से हमला और महिलाओं के साथ जोर ज़बरदस्ती जैसे मामलों के आंकड़े चिंताजनक है।

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