कोरोना की मार से रूपया बेहाल, अफग़ानिस्तान की मुद्रा के बराबर पंहुचा
पूरे विश्व में कोरोनावायरस की महामारी के साथ साथ आर्थिक मंदी का भी काफी असर पड़ रहा है। हालाँकि मंदी के होने वाले प्रभाव का अंदाज़ा लगाना अभी मुश्किल है और ये किस हद तक अलग अलग देशों पर असर डालेगी। लेकिन इसका असर अभी से दिखाई देना शुरू हो गया है।
बात अगर भारत की मुद्रा संख्या यानी करेंसी रेट की करे तो इसपर अभी से ही बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है, यानी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रुपया गिरना शुरू हो गया है।
बता दें की जिस मूल्य दर पर एक देश की मुद्रा दूसरे देश की मुद्रा से बदली जाती है उसे ‘एक्सचेंज रेट’ कहते हैं। किसी भी देश की करेंसी का मूल्य बाजार में उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूपये का गिरना देश के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। एक यूरो की कीमत इस समय 83.64 रुपयों के बराबर है। अगर बात अपने पड़ोसी देशों यानी दक्षिण एशियाई देशों की कि जाए तो यहाँ भी रुपया पीछे हुआ है। एक नज़र दक्षिण एशियाई देशों के मुक़बले रूपये की कीमत पर :
बता दें की जिस मूल्य दर पर एक देश की मुद्रा दूसरे देश की मुद्रा से बदली जाती है उसे ‘एक्सचेंज रेट’ कहते हैं। किसी भी देश की करेंसी का मूल्य बाजार में उसकी मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूपये का गिरना देश के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। एक यूरो की कीमत इस समय 83.64 रुपयों के बराबर है। अगर बात अपने पड़ोसी देशों यानी दक्षिण एशियाई देशों की कि जाए तो यहाँ भी रुपया पीछे हुआ है। एक नज़र दक्षिण एशियाई देशों के मुक़बले रूपये की कीमत पर :
- अफ़ग़ानिस्तान : एक रुपया
- बांग्लादेश : 90 पैसे
- भूटान : एक रुपया
- मालदीव्स : चार रूपये 98 पैसे
- नेपाल : 63 पैसे
- पाकिस्तान : 46 पैसे
- श्री लंका : 40 पैसे
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