सांभर झील प्रवासी परिंदों की कब्रगाह बनी, अब तक तक़रीबन 15000 परिदों की मौत

by Arushi Pundir 4 years ago Views 2409

Sambhar lake became a burial ground for migratory
जयपुर स्थित खारे पानी की सबसे बड़ी झील सांभर झील में पक्षियों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही है. पक्षियों की मौतों पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अब तक तक़रीबन 15 हज़ार पक्षियों की मौतों पर राजस्थान के एक्सपर्ट्स का कहना है कि Avian Botulism नाम की बीमारी के कारण पक्षियों की मौत हो रही है।

राजस्थान की खारे पानी की सबसे बड़ी झील सांभर झील में देशी-विदेशी पक्षियों की मौत से कोर्ट और सरकार भी चौकन्नी हो गई है। स्थिति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 10 हज़ार पक्षियों की मौत हो गई है। शुक्रवार को 3,265 मरे हुए परिंदों को बाहर निकाला गया। जबकि इससे पहले गुरुवार को वन विभाग ने 4800 पक्षियों के मौत की पुष्टि की थी। सरकारी आंकडों के मुताबिक पक्षियों की मौत का आंकड़ा लगभग 8 हज़ार है जबकि एक्सपर्ट्स की मानें तो मृत पक्षियों की संख्या पिछले 20 दिन में लगभग 15 हज़ार पहुंच गई है। 15 नवंबर तक 25 देशी विदेशी प्रजातियों की पक्षियों के 8 हजार 65 शव मिलने की जानकारी सामने आई है।


जहां राज्य सरकार बड़ी संख्या में पक्षियों की मौतें वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन समेत अन्य कारण जैसे लंबी यात्रा के दौरान पर्याप्त भोजन नहीं मिलना, प्रदूषण और कमजोरी को बता रही है वहीं पक्षियों की मौतों को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनकी मौत का कारण एवियन बोटुलिज्म (Avian Botulism) नाम की बीमारी है। बीकानेर के अपेक्स सेंटर के प्रोफ़ेसर ए.के कटारिया ने बताया है कि दरअसल पक्षी कीड़े खाने के बाद एवियन बोटुलिज्म का शिकार हो रहे हैं जिसकी वज़ह से पक्षियों को लकवा मार जाता है और वे उड़ने की हालत में नहीं रहते है।

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गुरुवार को हाईकोर्ट ने ने राज्य सरकार को सांभर झील में हाे रही पक्षियों की मौत का वास्तविक कारण बताने के लिए कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि मौतें रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या क़दम उठाए है। साथ ही बड़ी संख्या में पक्षियों की मौतों पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने दो दिन के भीतर ही लैब से जांच करा कर सही कारण पता कर 22 नवंबर को रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये हैं।

वीडिये देखिये

फिल्हाल पक्षियों के रेस्क्यू के लिए सांभर झील में एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों को तैनात किया गया है। 190 Square Kilometer में फैली सांभर झील में हज़ारों पक्षी हर साल सर्दियों में पहुंचते हैं।

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