शिवसेना नेताओं पर राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार विजेता जेन सदावर्ते को अपमानित करने का आरोप
महज़ 12 साल की उम्र में बहादुरी का राष्ट्रीय अवॉर्ड जीत चुकीं मुंबई की जेन सदावर्ते को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मंच पर अपमानित किया गया. जेन सदावर्ते मुंबई में अंग्रेज़ी भाषा में भाषण दे रही थीं कि तभी वहां मौजूद शिवसेना नेता नाराज़ हो गए. मराठी में भाषण नहीं देने पर उनसे माइक छीनने की कोशिश की गई.
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर मुंबई के एक प्रोग्राम में भाषण दे रहीं राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार विजेता जेन सदावर्ते को मंच पर बदसलूकी झेलनी पड़ी. वजह सिर्फ इतनी थी कि वो अपना भाषण मराठी की बजाय अंग्रेज़ी में दे रही थीं और मंच पर मौजूद शिवसेना नेताओं को यह रास नहीं आया. शिवसैनिकों ने भाषण के दौरान ही जेन सदावर्ते को रोक दिया.
सदावर्ते ने अपने भाषण में बच्चों को छुट्टी के दिन भी मिड डे मील देने और ट्रांसजेंडर्स को रिज़र्वेशन देने का मुद्दा उठाया था और तब भी उनको रोका गया था. जेन ने बताया कि उन्हें मराठी बोलनी नहीं आती है और जब उनसे इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कहा गया था, तभी उन्होंने यह साफ कर दिया था. इसके बावजूद उन्हें अंग्रेज़ी में भाषण देने से रोका गया. वीडियो देखिये मुंबई के परेल इलाक़े में रहने वाली जेन सदावर्ते महज़ 12 साल की हैं और सातवीं क्लास में पढ़ती हैं. अगस्त 2018 में वो अपने परिवार के साथ बहुमंज़िला इमारत क्रिस्टल टावर में थी और वहां आग लग गई थी. तब उन्होंने स्कूल में सीखे अपने सबक से बिल्डिंग में फंसे 17 लोगों की जान बचाई थी. 2019 में केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार भी दिया था.
सदावर्ते ने अपने भाषण में बच्चों को छुट्टी के दिन भी मिड डे मील देने और ट्रांसजेंडर्स को रिज़र्वेशन देने का मुद्दा उठाया था और तब भी उनको रोका गया था. जेन ने बताया कि उन्हें मराठी बोलनी नहीं आती है और जब उनसे इस प्रोग्राम में शामिल होने के लिए कहा गया था, तभी उन्होंने यह साफ कर दिया था. इसके बावजूद उन्हें अंग्रेज़ी में भाषण देने से रोका गया. वीडियो देखिये मुंबई के परेल इलाक़े में रहने वाली जेन सदावर्ते महज़ 12 साल की हैं और सातवीं क्लास में पढ़ती हैं. अगस्त 2018 में वो अपने परिवार के साथ बहुमंज़िला इमारत क्रिस्टल टावर में थी और वहां आग लग गई थी. तब उन्होंने स्कूल में सीखे अपने सबक से बिल्डिंग में फंसे 17 लोगों की जान बचाई थी. 2019 में केंद्र सरकार ने उन्हें राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार भी दिया था.
Latest Videos