2 अक्टूबर से सिंगलयूज प्लाटिक पर रोक

by Rumana Alvi 4 years ago Views 2801

Single Use Plastic
पर्यावरण के लिए खतरा बन चुके प्लास्टिक से निजात पाने के लिए दुनियाभर में  मुहिम शुरु हो चुकी है. भारत में सरकार 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने जा रही है. 23 राज्यों ने वर्तमान में अपने स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने की घोषणा की थी. जिसकी वजह से प्लास्टिक का इस्तमाल घट रहा है

भारत में रोजाना 25 हजार मीट्रिक टन प्लास्टिक का कचरा निकल रहा है. इसमें 94 प्रतिशत ऐसा प्लास्टिक होता है जो रीसाइकिल हो सकता है. और 40 प्रतिशत प्लास्टिक ड्रेनेज और नदियों को चोक कर देता है.


इंडस्ट्री चैम्बर एसोचैम और ईवाय की हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल मांग का करीब 45 फीसदी यानी करीब 90 लाख टन प्लास्टिक का तुरंत उपयोग करके हम फेंक देते हैं. इसमें बोतल, स्ट्राॅ, गिलास, गुटखा पाउच, पन्नी, कटलरी आदि शामिल हैं. फिक्की कि रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 तक हर साल 110 मिलियन टन और 2041 तक 200 मिलियन टन कचरा निकलने का अनुमान है.

Wwf की रिपोर्ट में सामने आया है कि हर साल एक आम इंसान 1 मिलीमीटर के छोटे प्लासा्टिक के टुकडे निगल रहा है यानी 1 लाख 20 हजार .दुनियाभर में लोग एक हफ्ते में प्लास्टिक के एक लाख 7 सौ से ज्यादा कण पानी के जरिए, 1 लाख 82 हजार शैल फिश के जरिए, 11 नमक  और 10 बीयर के जरिए प्लास्टिक  निगल रहा है. माइक्रोप्लास्टिक हवाओ के जरिए भी शरीर के अंदर जाते हैं…लंबे समय तक प्लास्टिक के शरीर के अंदर जाने से क्या दुष्प्रभाव होते हैं. अभी तक शोधकर्ताओं के पास इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है.

वीडियो देखिये

वहीं जर्नल इन्वॉयरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी  के डेटा के मुताबिक इंसान हर साल प्लास्टिक के करीब 50 हजार पार्टिकल खा जाता है. हर साल दुनियाभर में 500 अरब प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल होता है.एक अनुमान के मुताबिक 14 मिलियन टन में से 4 से 5 प्रतिशत पर रोक लगाई जा रही है.

बैन के शुरुआता में छह माह में जुर्माने में छूट दी जा सकती है.लेकिन इसके इस्तमाल पर किस तरह का जुर्माना लगाया जाएगा. इसे लेकर फिलहाल अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस बैन का सबसे ज्यादा असर उन छोटे दुकानदारों और गांववालों पर पडेगा जो अभी भी पाउच में चीजे खरीददते और बेचते है.

Latest Videos

Latest Videos

Facebook Feed