उत्तर प्रदेश की जेलों में हालात बिगड़े, अब झांसी जेल में 120 क़ैदी कोरोना संक्रमित हुए
प्रदेश की झांसी ज़िला जेल में 120 क़ैदी कोरोनावायरस से संक्रमित मिले हैं. अचानक इतनी बड़ी तादाद में क़ैदियों के कोरोना संक्रमित होने पर जेल की चार बैरकों को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. सभी 120 क़ैदियों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखे थे.
बुधवार को दो क़ैदियों में कोरोना के लक्षण दिखे तो उनकी जांच की गई जिसके नतीजे पॉज़िटिव आए. दोनों क़ैदियों को इंस्टीट्यूशन क्वारंटीन में भेज दिया गया था. इसके बाद झांसी ज़िला प्रशासन ने 800 रैपिड एंटीजेन किट्स मंगाकर क़ैदियों की जांच करवाई और 120 क़ैदी कोरोना के शिकार मिले.
झांसी के डीएम आंध्रा वामसी ने कहा कि जेल के चार बैरकों को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और सभी 120 क़ैदी वहीं भर्ती हैं. डीएम का दावा है कि डॉक्टरों की तीन टीमें 24 घंटे इन मरीज़ों की निगरानी कर रही हैं और सभी ज़रूरी सुविधाओं से लैस हैं. अगर ज़रूरत हुई तो क़ैदियों को झांसी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाएगा. अब तक की जांच में पता चला है कि नौ जुलाई को एक क़ैदी श्रीपत को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था जो 11 जुलाई को कोरोना की चपेट में आ गया था. यह क़ैदी 14 दिनों के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भी भेजा गया था. माना जा रहा है कि जेल के कुछ स्टाफ क़ैदी के संपर्क में आए जिसकी वजह से संक्रमण बाक़ी क़ैदियों में भी फैल गया है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश की जेलों में हर दिन हालात बिगड़ रहे हैं. अब तक गौतमबुद्धनगर, ग़ाज़ियाबाद, आगरा, लखनऊ, मऊ, बलिया और सोनभद्र की जेलों में क़ैदी कोरोना के शिकार हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है जहां की ज़्यादातर जेलों में क़ैदी क्षमता से अधिक हैं और राज्य सरकार ने महामारी से बचने के लिए इनकी संख्या घटाने की दिशा में कोई ठोस क़दम नहीं उठाए हैं.
झांसी के डीएम आंध्रा वामसी ने कहा कि जेल के चार बैरकों को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और सभी 120 क़ैदी वहीं भर्ती हैं. डीएम का दावा है कि डॉक्टरों की तीन टीमें 24 घंटे इन मरीज़ों की निगरानी कर रही हैं और सभी ज़रूरी सुविधाओं से लैस हैं. अगर ज़रूरत हुई तो क़ैदियों को झांसी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाएगा. अब तक की जांच में पता चला है कि नौ जुलाई को एक क़ैदी श्रीपत को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था जो 11 जुलाई को कोरोना की चपेट में आ गया था. यह क़ैदी 14 दिनों के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में भी भेजा गया था. माना जा रहा है कि जेल के कुछ स्टाफ क़ैदी के संपर्क में आए जिसकी वजह से संक्रमण बाक़ी क़ैदियों में भी फैल गया है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश की जेलों में हर दिन हालात बिगड़ रहे हैं. अब तक गौतमबुद्धनगर, ग़ाज़ियाबाद, आगरा, लखनऊ, मऊ, बलिया और सोनभद्र की जेलों में क़ैदी कोरोना के शिकार हो चुके हैं. उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल है जहां की ज़्यादातर जेलों में क़ैदी क्षमता से अधिक हैं और राज्य सरकार ने महामारी से बचने के लिए इनकी संख्या घटाने की दिशा में कोई ठोस क़दम नहीं उठाए हैं.
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