आकाशीय बिजली गिरने से चार राज्यों में अब तक 135 मौतें
मॉनसून की दस्तक के साथ ही उत्तर भारत के चार राज्यों में जानमाल की भीषण तबाही मची है. बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में अब तक 135 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने और आंधी तूफान से हुई है. बिहार में सबसे ज़्यादा 100 मौतें दर्ज हुईं जबकि उत्तर प्रदेश में 24, झारखंड में आठ और पश्चिम बंगाल में दो लोग मारे गए.
आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज़्यादा 14 मौतें गोपालगंज ज़िले में हुईं. वहीं मधुबनी और नवादा में आठ-आठ, सिवान और भागलपुर में छह-छह, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, बांका में पांच-पांच और अन्य ज़िलों में इक्का-दुक्का मौतें हुई हैं. मरने वालों में ज़्यादातर किसान हैं जो बिजली गिरने के वक़्त खेतों में काम कर रहे थे. जून का महीना होने के नाते किसान धान की रोपाई कर रहे हैं. इसके अलावा मक्का और मूंग की कटाई भी चल रही है. बिहार के जिन ज़िलों में तबाही मची है, उनमें ज़्यादातर नेपाल की तराई से सटे हैं और उत्तर और मध्य बिहार का हिस्सा हैं. इन इलाक़ों में हर साल बारिश के बाद बाढ़ से ख़ासी तबाही मचती है.
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 72 घंटों में इन इलाक़ों में भारी बारिश की आशंका है. कुछ इलाक़ों में बाढ़ जैसे हालत बन सकते हैं. अभी भी नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और तटीय इलाक़ों में रहने वाली आबादी को अलर्ट किया गया है. पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा को रेड ज़ोन में डाल दिया है. बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में 24, झारखंड में आठ और पश्चिम बंगाल में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. राहत आयुक्त संजय गोयल के मुताबिक सबसे ज़्यादा नौ लोगों की मौत पूर्वी यूपी के देवरिया ज़िले में हुई जबकि छह लोग प्रयागराज में मारे गए. भारतीय मौसम विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि अगले तीन दिनों तक असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश होने की आशंका है जिसके बाद बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. असम के कई ज़िलों में भारी बारिश हो रही है. तिनसुकिया में एक पुल पानी में बह गया जिससे बाघजन ऑयलफील्ड में लगी आग बुझाने के काम पर असर पड़ा है. मौसम विज्ञान विभाग ओडिशा के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा है कि एक जून से 25 जून तक राज्य में 208 एमएम बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 26 फ़ीसदी ज़्यादा है.
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 72 घंटों में इन इलाक़ों में भारी बारिश की आशंका है. कुछ इलाक़ों में बाढ़ जैसे हालत बन सकते हैं. अभी भी नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है और तटीय इलाक़ों में रहने वाली आबादी को अलर्ट किया गया है. पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा को रेड ज़ोन में डाल दिया है. बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में 24, झारखंड में आठ और पश्चिम बंगाल में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. राहत आयुक्त संजय गोयल के मुताबिक सबसे ज़्यादा नौ लोगों की मौत पूर्वी यूपी के देवरिया ज़िले में हुई जबकि छह लोग प्रयागराज में मारे गए. भारतीय मौसम विभाग ने यह चेतावनी भी दी है कि अगले तीन दिनों तक असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश होने की आशंका है जिसके बाद बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. असम के कई ज़िलों में भारी बारिश हो रही है. तिनसुकिया में एक पुल पानी में बह गया जिससे बाघजन ऑयलफील्ड में लगी आग बुझाने के काम पर असर पड़ा है. मौसम विज्ञान विभाग ओडिशा के निदेशक एचआर बिस्वास ने कहा है कि एक जून से 25 जून तक राज्य में 208 एमएम बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 26 फ़ीसदी ज़्यादा है.
मॉनसून ने पिछले साल भी भीषण तबाही मचाई थी. गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल कम से कम दो हज़ार लोग देश के 22 राज्यों में बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से मारे गए. इसके अलावा 25 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए थे.Odisha has received 208.3 mm rainfall between June 1 and June 25, 26 per cent higher than the normal rainfall. Rainfall is expected at some places in some districts during the next 24 hours: Odisha IMD Director HR Biswas pic.twitter.com/ojO2kY6PnO
— ANI (@ANI) June 25, 2020
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