तूफ़ान, सैलाब और लैंडस्लाइड्स से अब तक 500 मौतें, पूर्वोत्तर में हालात बदतर

by Ankush Choubey 3 years ago Views 1931

So far 500 deaths due to storm, inundation and lan
कोरोना महामारी के साथ देशभर में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से आम ज़िंदगी तहस-नहस हो गई है. नए आंकड़े बताते हैं कि इस साल देशभर में तूफ़ान, सैलाब और लैंडस्लाइड से कम से कम 499 लोगों की मौत हो चुकी है. अंफन तूफ़ान के चलते सबसे ज्यादा तबाही पश्चिम बंगाल में मची जबकि बारिश और बाढ़ से असम, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार समेत कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है. एनडीआरएफ की 70 से ज्यादा टीमें अलग-अलग राज्यों में राहत और बचाव के अभियान में जुटी हुई हैं.


गृह मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बाढ़ से सबसे ज़्यादा 142 मौतें पश्चिम बंगाल में हुईं और पांच लोग अभी भी लापता हैं. वहीं असम में 113 , गुजरात में 81, महाराष्ट्र में 46, मध्य प्रदेश में 44, केरल में 25, बिहार में 22, उत्तरखंड में 19, मेघयाल में 5 और यूपी में 2 लोग बाढ़ के चलते मारे गए हैं.

इन राज्यों में प्रभावित लोगों की मदद के लिए 800 से अधिक राहत कैंप लगाए गए हैं. अकेले असम में 564 राहत कैंपों में करीब एक लाख 45 हज़ार लोग पहुंच चुके हैं. असम में हालात इतने भयावह हैं कि यहाँ 72 लाख से अधिक लोग बुरी तरह प्रभावित हैं और 2,254 गाँव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं. ब्रह्मपुत्र नदी का पानी डिब्रूगढ़, जोरहाट, तेजपुर, ग्वालपाड़ा और ढुबरी में ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ धनश्री, जिया भराली, कोपीली, बेकी और कुशियारा उफान पर हैं.

पश्चिम बंगाल में फिलहाल 118 बाढ़ राहत कैंप हैं.पश्चिम बंगाल में पड़ोसी देश भूटान में बीते कई दिनों से लगातार होने वाली भारी बारिश ने उत्तरी बंगाल के कई ज़िलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर कर दी है. इलाक़े की तमाम नदियाँ भूटान की पहाड़ियों से ही निकलती हैं. ऐसे में उद्गम स्थल पर बारिश से हर साल कूचबिहार, अलीपुरदुआर और जलपाईगुड़ी इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. मालदा ज़िले में महानंदा नदी के तटबंध में दरार के बाद कई तटवर्ती इलाकों में पानी भर गया है .हाथीनाला नदी में पानी बढ़ जाने की वजह से बिन्नागुड़ी, बानरहाट और इलाके के चायबागानों के अलावा जलदापाड़ा नेशनल पार्क के कई हिस्सों में भी पानी भर गया है.

बिहार में कई नदियों में जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है. गोपालगंज में पिछले 24 घंटे में बागमती के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है जिससे लगभग 76 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है, जोकि खतरे के निशान से 83 सेंटीमीटर ऊपर है. बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे में ढेंग में बागमती नदी के जलस्तर में क़रीब 80 सेंटीमीटर और वृद्धि होने की आशंका है. रुन्नीसैदपुर में इसका अधिक प्रभाव होगा, वहाँ भी जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है. मुज़फ़्फ़रपुर और मधुबनी जैसे ज़िलों के मुख्यमार्ग और गलियों तक में पानी घुस आया है. इसके अलावा भी तमाम शहर पानी में डूबे हैं. मौसम विभाग ने दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत वैशाली और गोपालगंज के लिए अलर्ट जारी किया है.

महाराष्ट्र में राजधानी मुंबई, रायगढ़, पुणे, नासिक, अहमदनगर, जलगांव, औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों में भरी बारिश हुई है. इसके आलावा पालघर, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरि, कोहलापुर, जालना, परभणी, नांदेड़, जलगाव, धुले और नंदुरबार के उपनगरों में अलग-अलग स्थानों पर खूब बारिश हो रही है. मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश में अगले 24 घंटों में तेज़ बारिश हो सकती है.

पिछले साल अक्टूबर तक देश के 22 राज्यों में दो हज़ार से ज़्यादा लोग बाढ़ और भूस्खलन के चलते मारे गए थे जबकि 25 लाख विस्थापित हुए थे. माना जा रहा है कि इस साल बारिश और बाढ़ के चलते ज़्यादा तबाही मचने वाली है. संयुक्त राष्ट्र के डिजाजस्टर रिस्क रिडक्शन के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में हर साल 2.6 करोड़ से ज्यादा लोग पर्यावरण में आने वाले बदलावों के चलते गरीब हो जाते हैं.

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