आर्थिक संकट से लड़ने को झारखण्ड तैयार, 6 लाख प्रवासी मज़दूरों को मिलेगा रोज़गार
कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है और केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारें आने वाले आर्थिक संकट से बचने के रास्ते खोज रही है। राज्य सरकार रणनीति बनाने में लगी है की कैसे अपने राज्य को बचाया जाए और आर्थिक संकट को रोका जाए या कम किया जा सके।
वहीं मजदूरों के रोज़गार के लिए झारखण्ड सरकार ने तीन नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है। इन योजनाओ के माध्यम से राज्य में लौट रहे छह लाख मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध हो पाएगा। सरकार ने तीन योजनाएँ ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर पीताम्बर जल-समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि "इन योजनाओं की मदद से करीब 25 करोड़ मानव कार्य दिवस का इंतजाम होगा। अगले पांच वर्षों में लाखों मजदूरों के खाते में 20 हजार करोड़ का भुगतान होगा। इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित होगी बल्कि कुपोषण का कलंक भी धुलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती के बीच सीमित संसाधनों से स्वास्थ्य सेवा, फंसे मजदूरों की घर वापसी और रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है"। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इसके तहत मिलने वाले रोजगार में बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। इस योजना से प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। वहीं वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत सरकार हर पंचायत में खेल का मैदान तैयार करेगी। इसके तहत सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारेगी। राज्य में खेल कोटा से आरक्षण के माध्यम से नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। ताकि गढ़वा, पलामू, लातेहार जैसे सूखाग्रस्त जिलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
वहीं मजदूरों के रोज़गार के लिए झारखण्ड सरकार ने तीन नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया है। इन योजनाओ के माध्यम से राज्य में लौट रहे छह लाख मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध हो पाएगा। सरकार ने तीन योजनाएँ ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर पीताम्बर जल-समृद्धि योजना और वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि "इन योजनाओं की मदद से करीब 25 करोड़ मानव कार्य दिवस का इंतजाम होगा। अगले पांच वर्षों में लाखों मजदूरों के खाते में 20 हजार करोड़ का भुगतान होगा। इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित होगी बल्कि कुपोषण का कलंक भी धुलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती के बीच सीमित संसाधनों से स्वास्थ्य सेवा, फंसे मजदूरों की घर वापसी और रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है"। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इसके तहत मिलने वाले रोजगार में बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। इस योजना से प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। वहीं वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत सरकार हर पंचायत में खेल का मैदान तैयार करेगी। इसके तहत सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारेगी। राज्य में खेल कोटा से आरक्षण के माध्यम से नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से पांच लाख करोड़ लीटर जल वृद्धि की योजना है। ताकि गढ़वा, पलामू, लातेहार जैसे सूखाग्रस्त जिलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
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