शेयर बाज़ार: सेंसेक्स 34,103 और निफ्टी 9,955 पर बंद
कोरोना वायरस के डर के चलते कई दिनों से डूब रहा शेयर बाज़ार शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 1,325 अंक चढ़कर 34,103.48 पर बंद हुआ, वहीं निफ़्टी भी 365 की छलांग लगाकर 9,955 पर बंद हुआ। जानकारों का कहना है की बाज़ार में लौटा विश्वास अस्थाई है और अभी भी बाज़ार में हलचल मची हुई है।
कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में धराशाई होते बाज़ारों के बीच भारत के स्टॉक मार्केट का प्रदर्शन बेहतर दिखा. शुक्रवार को सेंसेक्स सुबह खुलते ही 3300 पॉइंट गिर गया जिसके बाद 45 मिनट के लिए बाजार बंद करना पड़ा। हालांकि इसके बाद बाजार संभला और 1,325 अंक चढ़कर 34,103.48 पर बंद हुआ. एक दिन में सेंसेक्स में इतना उतर-चढ़ाव संभवत: पहली बार देखा गया है। निफ्टी का हाल भी ऐसा ही रहा जो सुबह की गिरावट के बाद 365 अंको की छलांग लगाकर 9,955 पर बंद हुआ।
हालांकि बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार की बढ़त का मतलब ये नहीं है कि बाजार में विश्वास लौट आया है बल्कि ये अस्थाई है। उनके मुताबिक अभी भी बाजार में बहुत उथल-पुथल है और लोगों को कुछ समझ कर निवेश करना चाहिए। पहले से ही मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था पर अब कोरोना वायरस का ख़ौफ चढ़ रहा है। स्टॉक मार्केट में रोज़ाना करोड़ों रुपए के निवेश स्वाहा हो रहे हैं। ऐसे नाज़ुक हालात में फॉरेन इन्वेस्टर्स यानि विदेशी निवेशक भी भारत का साथ छोड़ रहे हैं। विदेशी निवेशक भारत की कैपिटल मार्केटों से पिछले 13 दिनों में 4.96 बिलियन डॉलर यानि 36 हज़ार 221 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। इससे पहले गुरुवार को भी बाज़ार में हाहाकर मचा रहा. सुरक्षित निवेश की तरफ भाग रहे निवशेकों के चलते सेंसेक्स 3,200 अंक तक लुढ़क गया था लेकिन फिर मामूली सुधार के बाद 2,900 अंक गिरकर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी में 868 अंकों की गिरावट दर्ज हुई थी. शेयर बाज़ार के मौजूदा हाल ने 2008 में आई वैश्विक मंदी की यादें ताज़ा कर दी हैं जब निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए.
हालांकि बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि शुक्रवार की बढ़त का मतलब ये नहीं है कि बाजार में विश्वास लौट आया है बल्कि ये अस्थाई है। उनके मुताबिक अभी भी बाजार में बहुत उथल-पुथल है और लोगों को कुछ समझ कर निवेश करना चाहिए। पहले से ही मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था पर अब कोरोना वायरस का ख़ौफ चढ़ रहा है। स्टॉक मार्केट में रोज़ाना करोड़ों रुपए के निवेश स्वाहा हो रहे हैं। ऐसे नाज़ुक हालात में फॉरेन इन्वेस्टर्स यानि विदेशी निवेशक भी भारत का साथ छोड़ रहे हैं। विदेशी निवेशक भारत की कैपिटल मार्केटों से पिछले 13 दिनों में 4.96 बिलियन डॉलर यानि 36 हज़ार 221 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। इससे पहले गुरुवार को भी बाज़ार में हाहाकर मचा रहा. सुरक्षित निवेश की तरफ भाग रहे निवशेकों के चलते सेंसेक्स 3,200 अंक तक लुढ़क गया था लेकिन फिर मामूली सुधार के बाद 2,900 अंक गिरकर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी में 868 अंकों की गिरावट दर्ज हुई थी. शेयर बाज़ार के मौजूदा हाल ने 2008 में आई वैश्विक मंदी की यादें ताज़ा कर दी हैं जब निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए.
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