यूपी में ख़ुदकुशी करने वाले शख़्स का सुसाइड नोट- ग़रीबी और बेरोज़गारी से परेशान हूं
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक शख़्स भानू गुप्ता ने श्रमिक ट्रेन के आगे कूदकर ख़ुदकुशी कर ली. भानू की जेब से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसपर लिखा है, ‘मैं यह सुसाइड ग़रीबी और बेरोज़गारी की वजह से कर रहा हूं. गेंहू, चावल सरकारी कोटे पर मिलता है पर चीनी, पत्ती, दूध, दाल, सब्ज़ी, मिर्च-मसाले परचून वाला अब उधार भी नहीं देता.’
भानू गुप्ता एक होटल पर खाना बनाने का काम करते थे लेकिन लॉकाडाउन में होटल बंद है और उनका रोज़गार छिन गया. उनके घर में पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां हैं. मां विधवा है और सबकी ज़िम्मेदारी भानू के कंधों पर थी. इसके अलावा भानू अपनी बीमारी से भी जूझ रहे थे.
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, ‘मुझे खांसी, जोड़ों में दर्द, बेहद कमज़ोरी, चलने पर सांस फूलना और चक्कर आने की शिक़ायत है. ऐसे ही मेरी विधवा मां दो साल से खांसी बुखार से पीड़ित है. तड़प तड़प कर जी रहे हैं. लॉकडाउन बढ़ता जा रहा और नौकरी कहीं मिल नहीं रही है.’ भानू ने लिखा कि वो घर का ख़र्च चलाने और इलाज कराने को लेकर परेशान थे और यूपी सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी. लखीमपुर के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक भानू और उसकी मां के पास अन्त्योदय राशन कार्ड बने थे और उन्हें राशन भी मिला था. वीडियो देखिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भानू के सुसाइड लेटर को ट्वीट करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी शायद आज एक साल के जश्न वाली चिट्ठी की तरह गाजे बाजे के साथ आपके पास ना पहुंचे लेकिन इसे ज़रूर पढ़िए. हिन्दुस्तान में बहुत सारे लोग आज इसी तरह कष्ट में हैं.
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, ‘मुझे खांसी, जोड़ों में दर्द, बेहद कमज़ोरी, चलने पर सांस फूलना और चक्कर आने की शिक़ायत है. ऐसे ही मेरी विधवा मां दो साल से खांसी बुखार से पीड़ित है. तड़प तड़प कर जी रहे हैं. लॉकडाउन बढ़ता जा रहा और नौकरी कहीं मिल नहीं रही है.’ भानू ने लिखा कि वो घर का ख़र्च चलाने और इलाज कराने को लेकर परेशान थे और यूपी सरकार से उन्हें कोई मदद नहीं मिली थी. लखीमपुर के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक भानू और उसकी मां के पास अन्त्योदय राशन कार्ड बने थे और उन्हें राशन भी मिला था. वीडियो देखिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भानू के सुसाइड लेटर को ट्वीट करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यह चिट्ठी शायद आज एक साल के जश्न वाली चिट्ठी की तरह गाजे बाजे के साथ आपके पास ना पहुंचे लेकिन इसे ज़रूर पढ़िए. हिन्दुस्तान में बहुत सारे लोग आज इसी तरह कष्ट में हैं.
..ये पत्र शायद आज एक साल के जश्न वाले पत्र की तरह ‘गाजे बाजे के साथ’ आपके पास न पहुंचे। लेकिन इसको पढ़िए जरूर।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 30, 2020
हिन्दुस्तान में बहुत सारे लोग आज इसी तरह कष्ट में हैं। 2/2
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