सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को शर्तों के साथ दी ज़मानत, मीडिया से बात करने पर पाबंधी
आईएनएक्स मीडिया केस में 107 दिन से तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल गई. . सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पी. चिदंबरम की तिहाड़ जेल से रिहाई का रास्ता साफ़ हो गया है.
पी. चिदंबरम को ज़मानत दो लाख के निजी मुचलके पर मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि पी. चिदंबरम बिना अनुमति देश नहीं छोड़ सकेंगे. लिहाज़ा, उनका पासपोर्ट ज़ब्त रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट से उस फ़ैसले को ख़ारिज कर दिया जिसमें पी. चिदंबरम की ज़मानत अर्ज़ी नामंज़ूर कर दी गई थी.
आईएनएक्स मीडिया केस में पी. चिदंबरम के ख़िलाफ़ पहली एफ़आईआईर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से पी. चिदंबरम को ज़मानत मिल चुकी है. दूसरी एफ़आईआर ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दर्ज की थी और इस मामले में भी अब उन्हें ज़मानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पी. चिदंबरम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है जो 107 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं. क्या है आईएनएक्स मीडिया केस केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी का दावा है कि आईएनएक्स मीडिया समूह ने 2007 में विदेशी फंड हासिल करने के दौरान नियमों की अनदेखी की थी. फंड का क्लियरेंस देने में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड में गड़बड़ियां हुई थीं और तब पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे. जांच एजेंसियों का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह की मदद करने की एवज में पी चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनी को मदद करने के लिए कहा था. हालांकि जांच एजेंसियां इस आरोप को साबित करने में कोई भी ठोस सबूत अभी तक पेश नहीं कर पाई हैं.
आईएनएक्स मीडिया केस में पी. चिदंबरम के ख़िलाफ़ पहली एफ़आईआईर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफ़आईआर दर्ज की थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से पी. चिदंबरम को ज़मानत मिल चुकी है. दूसरी एफ़आईआर ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दर्ज की थी और इस मामले में भी अब उन्हें ज़मानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पी. चिदंबरम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है जो 107 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं. क्या है आईएनएक्स मीडिया केस केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी का दावा है कि आईएनएक्स मीडिया समूह ने 2007 में विदेशी फंड हासिल करने के दौरान नियमों की अनदेखी की थी. फंड का क्लियरेंस देने में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड में गड़बड़ियां हुई थीं और तब पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे. जांच एजेंसियों का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह की मदद करने की एवज में पी चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनी को मदद करने के लिए कहा था. हालांकि जांच एजेंसियां इस आरोप को साबित करने में कोई भी ठोस सबूत अभी तक पेश नहीं कर पाई हैं.
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