विवादित नागरिकता क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया
धर्म के आधार पर नागरिकता देने वाले विवादित नागरिकता क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने यह नोटिस उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किया जिनमें इस क़ानून की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं.
अब आगे की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि यह नागिरकता क़ानून में हुआ संशोधन वैध है या फिर ग़ैरक़ानूनी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 22 जनवरी को करेगा. नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में कुल 59 याचिकाएं दायर की गई हैं.
कमोबेश सभी याचिकाओं में दलील दी गई है कि यह क़ानून असंवैधानिक होने के साथ-साथ भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला है. यह क़ानून संविधान में दर्ज धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का उल्लंघन करता है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर केंद्र सरकार को तलब कर लिया है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की थी कि इस क़ानून पर रोक लगाई जाए जिसे मानने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. फिलहाल नए नागरिकता क़ानून पर किसी तरह की रोक नहीं लगी हुई है.
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कमोबेश सभी याचिकाओं में दलील दी गई है कि यह क़ानून असंवैधानिक होने के साथ-साथ भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला है. यह क़ानून संविधान में दर्ज धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का उल्लंघन करता है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर केंद्र सरकार को तलब कर लिया है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की थी कि इस क़ानून पर रोक लगाई जाए जिसे मानने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. फिलहाल नए नागरिकता क़ानून पर किसी तरह की रोक नहीं लगी हुई है.
A Bench of Chief Justice SA Bobde, Justice BR Gavai and Justice Surya Kant refuses to stay the implementation of the Citizenship (Amendment) Act, 2019. Supreme Court says it will hear the pleas in January. pic.twitter.com/U4Up0yh7T9
— ANI (@ANI) 18 December 2019
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