सूरत: घर जाने के लिए सैकड़ों मज़दूर फिर सड़कों पर उतरे, 60 गिरफ़्तार
गुजरात के सूरत में प्रवासी मज़दूर घर जाने के लिए बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बार सूरत के हाज़िरा इंडस्ट्रीयल एरिया में सैकड़ों मज़दूरों ने मार्च किया जो अपने-अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे थे.
सूरत में घर जाने की मांग लेकर प्रवासी मज़दूर बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें क़ाबू में करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब तक कम से कम आधा दर्जन बार सूरत में मज़दूर प्रदर्शन कर चुके हैं. इससे पहले 4 मई को सूरत के कडोदरा इलाक़े में प्रदर्शन कर रहे मज़दूरों पर सूरत पुलिस ने इनपर लाठी चार्ज किया था. यहां आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पत्थरबाज़ी भी हुई. इससे मज़दूरों का ग़ुस्सा भड़क गया और तोड़फोड़ होने लगी. सूरत पुलिस के मुताबिक हालात क़ाबू में कर लिए गए हैं. फिलहाल पूरे इलाक़े में तनाव बना हुआ है. सूरत गुजरात का औद्योगिक शहर है जहां कपड़ा उद्योग और हीरा उद्योग में हज़ारों प्रवासी मज़दूर काम करते हैं. मगर लॉकडाउन की वजह से कारख़ाने बंद हैं और इनके पास पेट भरने का भी इंतेज़ाम नहीं है. यही वजह कि ज़्यादातर मज़दूर अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. 28 अप्रैल को सैकड़ों मज़दूरों ने जबरन काम करवाने का आरोप लगाते हुए एक हीरा कंपनी पर पथराव किया था. तब मज़दूरों ने आरोप लगाया था कि कंपनी उनसे जबरन काम ले रही है और उनकी हालत बंधुआ मज़दूर जैसी हो गई है.
सूरत पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर डीएन पटेल के मुताबिक सुबह आठ बजे तक़रीबन ५०० से १००० मज़दूर इकट्ठा हो गए और अपने-अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे थे. इन्हें हटाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया और ५५ से ६० मज़दूरों को गिरफ़्तार किया गया है.Gujarat: Migrant workers staged protest at Hazira industrial area in Surat today demanding they be sent back to their respective states, among other issues. #CoronaLockdown pic.twitter.com/EjGhUyIiax
— ANI (@ANI) May 9, 2020
At around 8 am today, around 500-1000 people gathered here demanding they be sent back to their respective states. Reasonable force was used, around 55-60 were arrested, and around 50-60 have also been detained: D N Patel, Surat Joint Commissioner of Police https://t.co/HShbJ5Zw9y pic.twitter.com/bT8V5piinw
— ANI (@ANI) May 9, 2020
सूरत में घर जाने की मांग लेकर प्रवासी मज़दूर बार-बार प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें क़ाबू में करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल किया जा रहा है. अब तक कम से कम आधा दर्जन बार सूरत में मज़दूर प्रदर्शन कर चुके हैं. इससे पहले 4 मई को सूरत के कडोदरा इलाक़े में प्रदर्शन कर रहे मज़दूरों पर सूरत पुलिस ने इनपर लाठी चार्ज किया था. यहां आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पत्थरबाज़ी भी हुई. इससे मज़दूरों का ग़ुस्सा भड़क गया और तोड़फोड़ होने लगी. सूरत पुलिस के मुताबिक हालात क़ाबू में कर लिए गए हैं. फिलहाल पूरे इलाक़े में तनाव बना हुआ है. सूरत गुजरात का औद्योगिक शहर है जहां कपड़ा उद्योग और हीरा उद्योग में हज़ारों प्रवासी मज़दूर काम करते हैं. मगर लॉकडाउन की वजह से कारख़ाने बंद हैं और इनके पास पेट भरने का भी इंतेज़ाम नहीं है. यही वजह कि ज़्यादातर मज़दूर अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. 28 अप्रैल को सैकड़ों मज़दूरों ने जबरन काम करवाने का आरोप लगाते हुए एक हीरा कंपनी पर पथराव किया था. तब मज़दूरों ने आरोप लगाया था कि कंपनी उनसे जबरन काम ले रही है और उनकी हालत बंधुआ मज़दूर जैसी हो गई है.
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