चीन की तर्ज़ पर नौकरियां बढ़ाने का लक्ष्य, 2030 तक 8 करोड़ नौकरियों पर ज़ोर
सरकार ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। सर्वेक्षण में चीन की तर्ज़ पर इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में नौकरी बढाने पर ज़ोर देने के अलावा फ़ूड सब्सिडी पर होने वाले खर्च की समीक्षा करने की बात कही गई है। सर्वे में वित्त वर्ष 2021 में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। यह सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है जिसमें दावा किया गया है कि चीन की तर्ज़ पर मेक इन इंडिया को असेम्ब्ल इन इंडिया से जोड़कर 2025 तक 4 करोड़ और 2030 तक 8 करोड़ लोगों अच्छी तन्ख़्वाह वाली नौकरी दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन जैसे नेटवर्क प्रॉडक्ट्स असेंबल करने के लिए अगर भारत दक्ष कारीगरों की मांग पूरा करता है तो दुनिया की बड़ी कंपनियों को भारत में अपनी असेंबलिंग यूनिट्स लगाने के लिए आकर्षित किया जा सकता है.
आर्थिक सर्वे का ब्यौरा पेश करते हुए कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने यह भी कहा कि देश में नया कारोबार खोलने और चलाने में सरकारी दखल कम की जाये तो नए उद्यमी पैदा किये जा सकते हैं. इससे न सिर्फ धन संपत्ति तैयार होगी बल्कि रोज़गार भी मिल सकेंगे. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने दावा किया कि कुछ उद्यमियों को फ़ायदा पहुंचने वाली नीति से हटकर कारोबार समर्थित नीति बनाई जानी चाहिए. पीएम मोदी का लक्ष्य भारत की अर्थव्यवस्था को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का है. अगर नीतियां सही हों तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. आर्थिक सर्वे में किसानों की कर्ज़माफ़ी के ख़िलाफ़ टिप्पणी की गई है. इसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों की कर्ज़माफ़ी की लेकिन इससे छोटे किसानों का नुकसान हो रहा है। सर्वे में फ़ूड सब्सिडी पर होने वाले खर्च की समीक्षा करने की बात भी कही गई है जिससे सरकार पर भार कम हो सके. वीडियो देखिये सर्वे में यह भी कहा गया है कि देश के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 2020-2025 तक 102 लाख करोड़ रुपए सरकार को खर्च करने चाहिए. साथ ही, कृषि क्षेत्र के एक्सपोर्ट को बढ़ाने की बात भी कही गयी है। सर्वे के मुताबिक भारत वित्त वर्ष 2019-20 में विकास दर 5 फीसदी रही और साल 2020-21 में 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
आर्थिक सर्वे का ब्यौरा पेश करते हुए कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने यह भी कहा कि देश में नया कारोबार खोलने और चलाने में सरकारी दखल कम की जाये तो नए उद्यमी पैदा किये जा सकते हैं. इससे न सिर्फ धन संपत्ति तैयार होगी बल्कि रोज़गार भी मिल सकेंगे. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने दावा किया कि कुछ उद्यमियों को फ़ायदा पहुंचने वाली नीति से हटकर कारोबार समर्थित नीति बनाई जानी चाहिए. पीएम मोदी का लक्ष्य भारत की अर्थव्यवस्था को 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का है. अगर नीतियां सही हों तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. आर्थिक सर्वे में किसानों की कर्ज़माफ़ी के ख़िलाफ़ टिप्पणी की गई है. इसमें कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों की कर्ज़माफ़ी की लेकिन इससे छोटे किसानों का नुकसान हो रहा है। सर्वे में फ़ूड सब्सिडी पर होने वाले खर्च की समीक्षा करने की बात भी कही गई है जिससे सरकार पर भार कम हो सके. वीडियो देखिये सर्वे में यह भी कहा गया है कि देश के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 2020-2025 तक 102 लाख करोड़ रुपए सरकार को खर्च करने चाहिए. साथ ही, कृषि क्षेत्र के एक्सपोर्ट को बढ़ाने की बात भी कही गयी है। सर्वे के मुताबिक भारत वित्त वर्ष 2019-20 में विकास दर 5 फीसदी रही और साल 2020-21 में 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
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