36 साल बाद काली कोट पहनकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तरुण गोगोई
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई करीब 36 साल बाद एक बार फिर वकील के लिबास में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में दायर 59 याचिकाओं में एक याचिका तरुण गोगोई ने भी दायर की है। असम के तीन बार मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई काली कोर्ट में आख़िरी बार साल 1983 में नज़र आए थे।
मीडिया से बात-चीत में उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर के लोगों की भावना को नहीं समझ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार असम के लोगों की भाषा और संसकृति को समझती तो परिस्थिति इतनी नहीं बिगड़ती। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ‘हम हिंसा का समर्थन नहीं करते।’
तरूण गोगोई ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुआ कहा कि सरकार माहौल को सीरियस नहीं ले रही है, वो विभाजित करना चाहते हैं। पूर्व सीएम ने केन्द्र सरकार की नीतियों को विभाजनकारी और ग़ैर संवैधानिक बताया है। वीडियो देखिये हालांकि विवादित नागरिकता क़ानून कि ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही सीएए पर रोक लगाने की मांगों को ख़ारिज करते हुए अगली सुनवाई की तारीख़ 22 जनवरी तय की गई है।
तरूण गोगोई ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुआ कहा कि सरकार माहौल को सीरियस नहीं ले रही है, वो विभाजित करना चाहते हैं। पूर्व सीएम ने केन्द्र सरकार की नीतियों को विभाजनकारी और ग़ैर संवैधानिक बताया है। वीडियो देखिये हालांकि विवादित नागरिकता क़ानून कि ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही सीएए पर रोक लगाने की मांगों को ख़ारिज करते हुए अगली सुनवाई की तारीख़ 22 जनवरी तय की गई है।
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