ज़ाकिर नगर की बहादुर औरतों ने कहा, 'हम लड़ेंगे घुटने नहीं टेकेंगे'

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 3085

The brave women of Zakir Nagar said, 'We will figh
केंद्र सरकार के विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों का सैलाब हो गया है. अब ये विरोध प्रदर्शन देश विदेश के बड़े शहरों से होते हुए गलियों और मुहल्लों तक पहुंच गया है. दिल्ली के ज़ाकिर नगर इलाक़े में ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें औरतें अपने बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड में बाहर निकल आईं. यहां जमा औरतों ने कहा कि उन्हें लड़ना मंज़ूर है लेकिन मौजूदा सरकार के सामने नागरिकता साबित नहीं करेंगी.

यह नज़ारा है दिल्ली के ज़ाकिर नगर का जहां कड़कड़ाती ठंड में औरतें अपने बच्चों के साथ नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही हैं. इनके हाथों में मोमबत्ती और संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराम आंबेडकर के पोस्टर हैं. आमतौर पर घरों में रहने वाली इन औरतों ने कहा कि मौजूदा सरकार न सिर्फ देश का संविधान बदलने की फिराक़ में है बल्कि धर्म के नाम पर नागरिकों को आपस में लड़ाने की कोशिश की जा रही है.


निशात सिद्दीक़ी ने कहा कि भारत की पहचान ही यही है कि यहां सभी मज़हब के लोग मिलजुल रहते हैं और पीएम मोदी को यह अधिकार नहीं है कि वह लोगों को बांटने की राजनीति करें.

प्रदर्शनकारी नाज़मा ने कहा कि डिटेंशन सेंटर के बारे में पीएम मोदी ने दिनदहाड़े झूठ बोला है. अगर इस सरकार का ज़ोर चला तो यह मुसलमानों के घर विदेशी नागरिकों को घुसा देगी और मुसलमान डिटेंशन सेंटर भेज दिए जाएंगे.

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शबाना ने कहा कि अगर देश के नागरिकों ने नरेंद्र मोदी को पीएम बनाया है तो देश के नागरिक उन्हें हटा भी सकते हैं. इन प्रदर्शनकारी औरतों ने साफ़ किया है कि उन्हें अपनी पहचान से जुड़े काग़ज़ात जलाकर लड़ना मंज़ूर है लेकिन मौजूद सरकार के आगे घुटने नहीं टेकेंगी.

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