राज्य सरकार की मांग के आगे झुंकी केंद्र सरकार, खाड़ी देशों से वापस लौटेंगे भारतीय नागरिक
यानि खाड़ी देशों से लौटेंगे भारतीय, राज्य सरकार की मांग के आगे झुंकी केंद्र सरकार !
राज्य सरकारों के दबाव और लाखों भारतीय कामगारों की अपीलों के बाद केंद्र सरकार ने खाड़ी देशों से अपने नागरिकों की वतन वापसी का ख़ाक़ा तैयार कर लिया है. केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद 7 मई के लिए एयर इंडिया की 10 फ्लाइट तैयार की जा रही हैं।
इनमें दो फ्लाइट कोच्ची से अबू धाबी और क़तर के लिए रवाना होगी। दो फ्लाइट कोझीकोड़ से दुबई और रियाद, दो फ्लाइट मुंबई से लंदन और सिंगापुर, एक फ्लाइट दिल्ली से क्वालालंपुर, एक हैदराबाद से सैन फ्रांसिस्को, एक अहमदाबाद से मनीला और एक फ्लाइट श्रीनगर से ढाका के लिए भेजी जाएंगी। ये सभी दस फ्लाइट्स अलग-अलग देशों से 2300 भारतीय को वापस वतन लेकर लौटेगी।
जिन फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा, उसकी लिस्ट यूएई स्थित भारतीय दूतावास तैयार कर रहा है और एयर इंडिया के विमान सिर्फ उन्हीं लोगों को लेकर वापस आएंगे. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में सबसे ज़्यादा 34 लाख 20 हज़ार भारतीय यूनाइटेड अरब एमिरात में रह रहे हैं जो कोरोना महामारी के चलते लंबे वक़्त से सोशल मीडिया पर वतनवापसी की गुहार लगा रहे थे. वीडियो देखिए हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चरण में 64 विमानों से अलग-अलग देशों से लगभग 15 हज़ार भारतीय नागरिकों को वतन वापस लाया जायेगा. इनमें खाड़ी देशों के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका समेत अन्य देशों में फंसे नागरिक भी शामिल हैं. इन फ्लाइट से भारत आने के लिए लोगों को भारतीय दूतावास से संपर्क करना होगा और इस यात्रा के लिए पैसे चुकाने होंगे। इसके अलावा नेवी के जहाजों के द्वारा भी लोगों को मालदीव्स और यूएई से वापस लाया जायेगा।
जिन फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा, उसकी लिस्ट यूएई स्थित भारतीय दूतावास तैयार कर रहा है और एयर इंडिया के विमान सिर्फ उन्हीं लोगों को लेकर वापस आएंगे. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में सबसे ज़्यादा 34 लाख 20 हज़ार भारतीय यूनाइटेड अरब एमिरात में रह रहे हैं जो कोरोना महामारी के चलते लंबे वक़्त से सोशल मीडिया पर वतनवापसी की गुहार लगा रहे थे. वीडियो देखिए हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चरण में 64 विमानों से अलग-अलग देशों से लगभग 15 हज़ार भारतीय नागरिकों को वतन वापस लाया जायेगा. इनमें खाड़ी देशों के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका समेत अन्य देशों में फंसे नागरिक भी शामिल हैं. इन फ्लाइट से भारत आने के लिए लोगों को भारतीय दूतावास से संपर्क करना होगा और इस यात्रा के लिए पैसे चुकाने होंगे। इसके अलावा नेवी के जहाजों के द्वारा भी लोगों को मालदीव्स और यूएई से वापस लाया जायेगा।
फ्लाइट्स लेने से पहले सभी लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी और केवल उन्हीं लोगों को जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं है, भारत लाया जायेगा. देश लौटने पर इन सभी लोगों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होने के लिए अस्पताल या अन्य किसी जगह खुद को आइसोलेट करना होगा. 14 दिनों के बाद कोरोना का इन लोगों का टेस्ट होगा और पॉजिटिव आये लोगों को छोड़कर सबको घर भेज दिया जायेगा. लोकसभा के आंकड़े बताते हैं कि रोज़गार और घर परिवार चलाने के लिए एक करोड़ 36 लाख भारतीय विदेशों में रह रहे हैं. इनमें से 83 लाख 72 हज़ार 333 भारतीय तो केवल सात इस्लामिक देश यूनाइटेडट अरब एमिरात, सऊदी अरब, कुवैत, ओमान, क़तर, बहरीन और मलेशिया में हैं.
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