गौतम नवलखा की अर्ज़ी पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के पांचवे न्यायाधीश ने ख़ुद को अलग किया
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट के पांचवें जस्टिस एस रविंद्र भट ने ख़ुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इससे पहले चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई भी ख़ुद को इस केस की सुनवाई से अलग कर चुके हैं. अब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की नई पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने अपनी अर्ज़ी में अपने ऊपर दर्ज एफ़आईआर रद्द करने की मांग की है. भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में पुणे पुलिस ने गौतम नवलखा पर जनवरी 2018 में एफ़आईआर दर्ज की थी.
वीडियो देखिये इससे पहले गौतम नवलखा ने अपने ऊपर पर दर्ज एफ़आईआर रद्द करने की अर्ज़ी बॉम्बे हाईकोर्ट में लगाई थी जो 13 सितंबर को ख़ारिज हो गई थी. तब बॉम्बे हाईकोर्ट के दो सदस्यों जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती की बेंच ने पूरे मामले में छानबीन की ज़रूरत बताई थी. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा ऐसे अकेले आरोपी हैं जो फिलहाल ज़मानत पर हैं लेकिन अब उनपर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है.
वीडियो देखिये इससे पहले गौतम नवलखा ने अपने ऊपर पर दर्ज एफ़आईआर रद्द करने की अर्ज़ी बॉम्बे हाईकोर्ट में लगाई थी जो 13 सितंबर को ख़ारिज हो गई थी. तब बॉम्बे हाईकोर्ट के दो सदस्यों जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती की बेंच ने पूरे मामले में छानबीन की ज़रूरत बताई थी. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा ऐसे अकेले आरोपी हैं जो फिलहाल ज़मानत पर हैं लेकिन अब उनपर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है.
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