कोरोना वायरस: पूर्वोत्तरवासियों से भेदभाव के मामले आए सामने, गृह मंत्रालय का सख्ती से निपटने के आदेश
कोरोना वायरस: पूर्वोत्तरवासियों से भेदभाव के मामले आए सामने, गृह मंत्रालय का सख्ती से निपटने के आदेश
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के चलते आतंकित है लेकिन भारत में इस बीमारी के चलते पूर्वोत्तर के लोगों को नस्ल-बेदी टिप्पणी, भेद-भाव और छुआछूत झेलना पड़ रहा है। देश के कई इलाकों में पूर्वोत्तर के लोगों को कोरोना से जोड़कर निशाना बनाया जा रहा है जिसपर अब गृह मंत्रालय ने इस पर सख्ती से निपटने के आदेश जारी कर दिये हैं।
एक तरफ जहां देश कोरोना के खिलाफ एकजुट हो रहा है, वहीं इसी दौरान कुछ लोग इस बीमारी के चलते पूर्वोत्तर के लोगों को कोरोना से जोड़कर निशाना बना रहे हैं। देश के कई इलाकों से ऐसी वीडियो सामने आ रही है जहां पूर्वोत्तर के लोग नस्ल-बेदी टिप्पणियों, भेद-भाव और छुआछूत का शिकार हुए हैं। ऐसे कई घटनाओं को सोशल मीडिया पर लगातार शेयर किया जा रहा है और लोग इसके खिलाफ खड़े भी हो रहे हैं।
सबसे ज्यादा शर्मनाक मामला सामने आया राजधानी दिल्ली के विजय नगर इलाके से, जहां मणिपुर राज्य की एक महिला को एक व्यक्ति ने 'कोरोना' कहकर चिल्लाया और बाद में उसपर थूक कर भाग गया। इसके बाद इस 20 वर्षीय महिला ने पुलिस में कंप्लेंट दाखिल की जिसके बाद जांच जारी है। घटना के सामने आने के बाद, दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने इसकी निंदा की और पुलिस से दोषी को पकड़ने की मांग की। पर दिल्ली ही नहीं, अन्य राज्यों से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। इंडियन आइडल जीत चुके चेंग ने बताया की कैसे मुंबई में 2 बाइक सवारों में उन्हें 'कोरोना वायरस' कहा और भाग गए। उन्होंने बाद में अपने ट्विटर पर लिखा की ऐसे टिप्पणियों से दुःख पहुँचता है लेकिन वो 100 फीसदी भारतीय हैं। गुजरात में पूर्वोत्तर की कुछ लड़कियों को मकान-मालिक ने घर खाली करने के लिए सिर्फ इसलिए कहा क्यूंकि वो उन्हें कोरोना का मरीज मान रहा था। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने आकर लड़कियों को हिम्मत दी इस तरह भेद-भाव करके उनसे मकान खाली नहीं करवाया जा सकता और पुलिस उनके साथ है। कोलकाता में भी पूर्वोत्तर के लोगों को निशाना बनाया गया और उनसे घर खाली करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके जवाब में अब कई पूर्वोत्तर के लोग सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर बता रहे हैं कि इस वक़्त जब पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ एकजुट हो रही है, उस समय उनसे भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा हलाकि ये सब चीज़ें दुःख पहुँचती है और उनके देश में विश्वास नहीं डिगा सकती है। पूर्वोत्तर के लोगों के हुए इस भेदभाव पर सख्ती दिखाते हुए अब गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलो में तेज़ी से कार्रवाई की जाए और दोषियों को बख्शा नहीं जाए।
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