नहीं थम रहा प्रदर्शनों का दौर, अब संसद घेरने की कोशिश

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2482

The phase of demonstrations was not stopping, now
दो महीना गुज़र जाने के बावजूद नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों का दौर ठंडा पड़ता नहीं दिख रहा है. यूपी बिहार में इस क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए या गिरफ़्तार हुए लोगों के परिवारों ने दिल्ली पहुंचकर संसद घेरने की कोशिश की. 


नागरिकता क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों का दौर थमने की बजाय बढ़ता जा रहा है. संसद घेरने के इरादे से हज़ारों प्रदर्शनकारियों मंडी हाऊस से मार्च निकाला लेकिन दिल्ली पुलिस ने इन्हें संसद तक पहुंचने से रोक दिया. संसद के घेराव की अपील यूनाइटेड अंगेस्ट हेट नाम के संगठन ने की थी. इस प्रदर्शन में यूपी बिहार में नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए या गिरफ़्तार हुए लोगों के परिवार भी हिस्सा लेने पहुंचे थे. इनमें बिहार में गए आमिर हंज़ला, कानपुर में मारे गए मोहम्मद रईस, मोहम्मद सैफ़ और मोहम्मद आफ़ताब का परिवार भी शामिल हुए. इनके अलावा मुंबई से गिरफ़्तार गोरखपुर के डॉक्टर कफील ख़ान का परिवार भी इसका हिस्सा बना. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. 


जामिया मिल्लिया इस्लामिया और आसपास के इलाक़े के स्टूडेंट्स भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बनना चाहते थे लेकिन साउथ ईस्ट दिल्ली पुलिस ने सैकड़ों लोगों को बैरिकेड लगाकर रोक दिया. यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव के हालात बन गए थे. दिल्ली के अलावा तमाम राज्यों में भी इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा है. बंगलुरू से लेकर कलबुर्गी तक महिलाओं ने अपना धरना प्रदर्शन चालू रखा है. 

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इस बीच शाहीन बाग़ में औरतों के धरना प्रदर्शन को 55 दिन हो गया है. यह धरना ख़त्म करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई लेकिन सर्वोच्च अदालत ने कोई अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया है. शाहीन बाग़ धरने की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अब 17 फरवरी को होगी.

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