निवेश में आई ज़बरदस्त गिरावट, लोग कम कर रहे है घर खर्च - केंद्र सरकार

by Rahul Gautam 4 years ago Views 4301

The recession is so much that people are putting o
देश में कारोबार कैसे सिकुड़ रहे हैं, इसका एक अंदाज़ा आपको ताज़ा सरकारी आंकड़ों से मिल जाएगा। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक देश में वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही के मुक़ाबले वित्त वर्ष 2020 के पहली तिमाही में निवेश तेज़ी से नीचे गया है। इसके अलावा पैसा की कमी के चलते अब घर चलाने पर भारतीय पहले के मुक़ाबले कम पैसे खर्च कर रहे हैं।


विपक्ष कहता है देश की अर्थव्यवस्था वेंटिलेटर पर है, सरकार कहती है चक्रीय मंदी है। सब मानते हैं कि आर्थिक मोर्चे पर सब ठीक-ठाक नहीं है। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के नए आंकड़े बता रहे हैं की कैसे ना सिर्फ अब लोग कम निवेश कर रहे हैं, बल्कि लगे हुए निवेश को भी निकाल रहे हैं।


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ताज़ा जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में जहां ग्रॉस फिक्सड कैपिटल फॉर्मेशन 12.9 फीसदी थी, वह अब वित्त वर्ष 2020 के पहली तिमाही में घटकर -5.2 रह गई है। दरअसल, किसी भी कारोबार में होने वाले शुरुआती निवेश को ही ग्रॉस फिक्सड कैपिटल फॉर्मेश कहते हैं। यानि आंकड़ों के मुताबिक लोग अब कारोबार में लगे हुए पैसे को ही निकाल रहे हैं।

इसके अलावा, प्राइवेट फाइनल कंज़म्पशन एकपेंडिचर यानि घर को चलाने पर आने वाले खर्च में भी कमी आई है। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक़ जहां वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में राइवेट फाइनल कंज़म्पशन एकपेंडिचर 6.7 फीसदी था, वहीं वित्त वर्ष 2020 के पहली तिमाही में ये घटकर 5.9 फीसदी रह गया।

दरअसल, लोगों के हाथ में कम नगदी होने के कारण उनकी खरीदने की क्षमता घटी है जिसकी वजह से अब वह अपने घर-परिवार पर पहले के मुकाबले कम खर्च कर रहे हैं। आसान शब्दों में कहें तो विकास का चक्का जाम हो चूका है और जब तक ये दोनों सूचकांक सकारात्मक दिशा की और नहीं बढ़ेंगे, देश की अर्थव्यस्था को पटरी पर लाना मुश्किल होगा।  

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